#अपनी राशि के अनुसार करें पूजन
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ragbuveer · 27 days ago
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
*🌹सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (द्वितीया तिथि+भाई दौज)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दीपोत्सव के पांचवेे और अंतिम दिवस अर्थात् भाई बहन के अटूट प्रेम तथा विश्वास के पर्व भाईदूज के शुभ अवसर पर बहने अपने भाई की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती है अतः आज हम भी संकल्प करें कि दुनियां की प्रत्येक बहन की रक्षा, सहयोग और सेवा के लिए सदैव ततपर रहेंगे।
*भाईदूज, यम द्वितीया एवं चित्रगुप्त पूजा की आपको और आपके परिवार को अनन्त कोटिशः शुभकामनाएँ 🎉🎁*
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
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※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
🙏🙏
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक :-03-नवम्बर-2024
वार :---------रविवार
तिथी :---02द्वितीया 22:05
पक्ष:------ शुक्लपक्ष
माह:-------कार्तिक
नक्षत्र:---अनुराधा :-(अहोरात्र)
योग:-----सोभाग्य :-11:39
करण:------बालव:-09:16
चन्द्रमा:------वृश्चिक
सूर्योदय:------06:52
सूर्यास्त:-------17:50
दिशा शूल------पश्चिम
निवारण उपाय:---जौं या पान का सेवन
ऋतु :------हेमंत ऋतु
गुलीक काल:---15:02से 16:26
‌राहू काल:---16:26से17:50
अभीजित---11:55से12:45
विक्रम सम्वंत .........2081
शक सम्वंत ............1946
युगाब्द ..................5126
सम्वंत सर नाम:----कालयुक्त
🌞चोघङिया दिन🌞
चंचल:-08:16से09:40तक
लाभ:-09:40से11:04तक
अमृत:-11:04से12:28तक
शुभ:-13:38से15:02तक
🌗चोघङिया रात🌓
शुभ:-17:50से19:26तक
अमृत:-19:26से21:02तक
चंचल:-21:02से22:38तक
लाभ :-02:04से03:40तक
शुभ :-05:16से06:52तक
🙏आज के विशेष योग🙏
वर्ष का 210वा दिन, चन्द्र- दर्शन, भातृ-वम द्बितीया, यमुना स्नान, कलम दबात पूजन (बिहार), विश्वकर्मा दिवस, चित्रगुप्त पूजा, भैया दूज, उत्तर श्रृंगोव्रति 53⁰, भाईबीज राजमृत्युयोग अहोरात्र,
🌺👉 टिप्स 👈🌺
यम द्वितीया के दिन भाई बहन यमुना स्नान करे ।
🕉 *तिथी/पर्व/व्रत विशेष :-*
👫 *भाई दूज : चित्रगुप्त जयंती : यम द्वितीया -*
भ्रातृ द्वितीया (भाई दूज) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला हिन्दू धर्म का पर्व है जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं।
भाई दूज दीपावली के दो दिन बाद आने वाला ऐसा पर्व है, जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती हैं।
कार्तिक शुक्ल द्वितीया को पूर्व काल में यमुना ने यमराज को अपने घर पर सत्कारपूर्वक भोजन कराया था। उस दिन नारकी जीवों को यातना से छुटकारा मिला और उन्हें तृप्त किया गया। वे पाप-मुक्त होकर सब बंधनों से छुटकारा पा गये और सब के सब यहां अपनी इच्छा के अनुसार संतोष पूर्वक रहे। उन सब ने मिलकर एक महान् उत्सव मनाया जो यमलोक के राज्य को सुख पहुंचाने वाला था। इसीलिए यह तिथि तीनों लोकों में यम द्वितीया के नाम से विख्यात हुई। जिस तिथि को यमुना ने यम को अपने घर भोजन कराया था, उस तिथि के दिन जो मनुष्य अपनी बहन के हाथ का उत्तम भोजन करता है उसे उत्तम भोजन समेत धन की प्राप्ति भी होती रहती है।
कायस्थ समाज में इसी दिन अपने आराध्य देव चित्रगुप्त की पूजा की जाती है। कायस्थ लोग स्वर्ग में धर्मराज का लेखा-जोखा रखने वाले चित्रगुप्त का पूजन सामूहिक रूप से तस्वीरों अथवा मूर्तियों के माध्यम से करते हैं। वे इस दिन कारोबारी बहीखातों की पूजा भी करते हैं।
*सुविचार*
अक्ल और गलती पर कभी भरोसा मत करना क्योंकि अपनी अक्ल और दूसरों की गलती
हमेशा ज्यादा ही दिखती हैं।👍🏻 सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
चेहरे की त्वचा पर नारियल के तेल के लाभ
त्वचा को साफ करने में मदद करे नारियल तेल -
नारियल तेल आपकी त्वचा लिए चिंता का कारण बन सकती है, लेकिन आपको तनाव लेने की जरूरत नहीं है। आप त्वचा के लिए नारियल के तेल का चयन कर सकते हैं। एंटी-बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों से भरपूर नारियल का तेल आपके चेहरे को साफ़ करने और स्वस्थ त्वचा देने में मदद कर सकता है।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। विवाद से क्लेश होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बेचैनी रहेगी। कुसंगति से हानि होगी। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। शत्रुभय बना रहेगा। व्यवसाय धीमा चलेगा। समय ठीक नहीं है। कोई भी बड़ा निर्णय सोच-समझकर लें। धैर्य रखें।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
जीवनसाथी ��े स्वास्थ्य का ध्यान रखें। धन प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। प्रेम-प्रसंग में सफलता प्राप्त होगी। घर में कोई मांगलिक कार्य हो सकता है। चारों तरफ प्रसन्नता का माहौल बनेगा। शत्रुभय रहेगा। चोट व रोग से बचें। उत्साहवर्धक समाचार मिलेंगे।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
वाणी पर नियंत्रण रखें। घर-परिवार की चिंता रहेगी। शत्रुभय रहेगा। भूमि व भवन की खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। आय में वृद्धि होगी। फालतू खर्च होगा। प्रतिद्वंद्वी शांत रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता अर्जित करेगा। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। लेन-देन में सावधानी रखें। चोट व रोग से बचें। घर में तनाव रह सकता है। चिंता रहेगी। पार्टी व पिकनिक का आनंद प्राप्त होगा। दुष्टजनों से दूर रहें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में वृद्धि होगी।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
विवेक का प्रयोग स्थिति अनुकूल करने में सहायक रहेगा। दु:खद समाचार मिल सकता है। भागदौड़ रहेगी। किसी के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। अपना पक्ष कमजोर महसूस करेंगे। पुराना रोग उभर सकता है। स्वास्थ्य पर खर्च होगा। समय ठीक नहीं है।
👩🏻 *राशि फलादेश कन्या :-*
प्रयास सफल रहेंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्��ि होगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश करने का साहस जुटा पाएंगे। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
व्यावसायिक यात्रा की योजना बनेगी। भूले-बिसरे साथी एवं संबंधियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। भय रहेगा। विरोध होगा। अपने काम समय पर कर पाएंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम न लें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। व्यवसाय ठीक चलेगा। नया कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। बेचैनी रह सकती है। थकान महसूस होगी। बुद्धि का प्रयोग करें।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
भय, पीड़ा व तनाव का वातावरण बन सकता है। कुसंगति से हानि होगी। व्ययवृद्धि होगी। कर्ज लेना पड़ सकता है। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। भाग्य का साथ नहीं मिलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें। अपरिचितों पर अतिविश्वास हानि देगा।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
थकान महसूस होगी। कार्यभार रहेगा। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। नए कार्य करने का मन बनेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। जल्दबा��ी न करें। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
मानसिक बेचैनी रहेगी। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। कार्यसिद्धि होगी, वो काम जो लंबे समय से न हो रहा हो। प्रसन्नता रहेगी। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। व्यवसाय अनुकूल चलेगा। मित्र व संबंधियों के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा।
🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
नए मित्र बनेंगे जिनका लाभ हमेशा प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक हो सकती है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। सरकारी कार्यालयों में रुके कार्यों में पूर्णता आएगी। लाभ में वृद्धि होगी। कारोबारी स्पर्धा बढ़ेगी। समझदारी से कार्य करें। लाभ होगा। चोट व रोग से बचें। भाग्य का साथ मिलता रहेगा।
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astrovastukosh · 1 month ago
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अपनी राशि के समय के अनुसार शुद्ध मुहूर्त में करें दिपावली का पूजन हो जाएँगे माला - माल साल भर में!
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🌞🌳 🕉दीपावली पूजन के लिये चार विशेष मुहूर्त
👉1- वृश्चिक लग्न- यह लग्न दीपावली के सुबह आती है वृश्चिक लग्न में मंदिर, स्कूल, हॉस्पिटल, कॉलेज आदि में पूजा होती है। राजनीति से जुड़े लोग एवं कलाकार आदि इसी लग्न में पूजा करते हैं।
👉2- कुंभ लग्न- यह दीपावली की दोपहर का लग्न होता है। इस लग्न में प्रायः बीमार लोग अथवा जिन्हें व्यापार में काफी हानि हो रही है, जिनकी शनि की खराब महादशा चल रही हो उन्हें इस लग्न में पूजा करना शुभ रहता है।
👉3- वृषभ लग्न- यह लग्न दीपावली की शाम को प्रायः मिल ही जाता है तथा इस लग्न में गृहस्थ एवं व्यापारियों को पूजा करना सबसे उत्तम माना गया है।
👉4- सिंह लग्न- यह लग्न दीपावली की मध्यरात्रि के आस-पास पड़ता है तथा इस लग्न में तांत्रिक, सन्यासी आदि के लिए पूजा करना शुभ रहता है ।
दिल्ली के अनुसार लग्न की समय अवधि :-
👉वृश्चिक लग्न:- 07:00 से 10 :10 तक 👉कुंभ लग्न:- 13 :57 से 15 : 24 तक 👉वृषभ लग्न:- 18 :24 से 20 :19 तक 👉सिंह लग्न:- 00:59 से 03 :16 तक
🕉🚩महानिशीथ काल:-
महानिशीथ काल में धन लक्ष्मी का आवाहन एवं पूजन, गल्ले की पूजा तथा हवन इत्यादि कार्य किया जाता है। श्री महालक्ष्मी पूजन, महाकाली पूजन, लेखनी, कुबेर पूजन, अन्य वैदिक तांत्रिक मंन्त्रों का जपानुष्ठान किया जाता है।
महानिशीथ काल रात्रि में 23:38 से 24:30 मिनट तक रहेगा। इस समयावधि में कर्क लग्न और सिंह लग्न होना शुभस्थ है। इसलिए अशुभ चौघडियों को भुलाकर यदि कोई कार्य प्रदोष काल अथवा निशिथकल में शुरु करके इस महानिशीथ काल में संपन्न हो रहा हो तो भी वह अनुकूल ही माना जाता है। महानिशिथ काल में पूजा समय चर लग्न में कर्क लग्न उसके बाद स्थिर लग्न, सिंह लग्न भी हों, तो विशेष शुभ माना जाता है। महानिशीथ काल में कर्क लग्न और सिंह लग्न होने के कारण यह समय शुभ हो गया है। जो शास्त्रों के अनुसार दीपावली पूजन करना चाहते हो, वह इस समयावधि को पूजा के लिये प्रयोग कर सकते हैं। इसमें किया हुआ तंत्र प्रयोग मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तंभन इत्यादि कर्म तांत्रिकों की ओर से किए जाते हैं। इस समय में किया हुआ कोई भी मंत्र सिद्ध हो जाता है। इस समय में सभी आसुरी शक्तियां जागृत हो जाती हैं। इस समय में घोर, अघोर, डाबर, साबर सभी प्रकार के मंत्रों की सिद्धि हो जाती है। इसी समय उल्लूक तंत्र ��ा प्रयोग साधक लोग करते हैं। पंच प्रकार की पूजा, काली पूजा, तारा, छिन्नमस्ता, बगुलामुखी पूजा इसी समय की जाती है। जो जन शास्त्रों के अनुसार दीपावली पूजन करना चाहते हो, उन्हें इस समयावधि को पूजा के लिये प्रयोग करना चाहिए। वृष एवं सिंह लग्न में कनकधारा एवं ललितासहस्त्रनाम का पाठ विशेष लाभदायक माना गया है।
🕉🚩दीपदान मुहूर्त : लक्ष्मी पूजा दीपदान के लिए प्रदोष काल (रात्रि का पंचमांश प्रदोष काल कहलाता है) ही विशेषतया प्रशस्त माना जाता है। दीपावली के दिन प्रदोष काल सायं 05:50 से रात्रि 08:27 बजे तक रहेगा ।
🕉🚩राशियों के अनुसार लक्ष्मी पूजन मेष, सिंह और धनु
ये तीनों अग्नि तत्व प्रधान राशि है इन राशि वालों के लिए धन लक्ष्मी की पूजा विशेष लाभकारी होती है, मां लक्ष्मी के उस स्वरूप की स्थापना करें, जिसमें उनके पास अनाज की ढेरी हो। चावल की ढेरी पर लक्ष्मीजी का स्वरूप स्थापित करें उनके सामने घी का दीपक जलाएं, उनको चांदी का सिक्का अर्पित करें। पूजा के उपरान्त उसी चांदी के सिक्के को अपने धन स्थान पर रख दें।
🕉🚩मिथुन, तुला और कुम्भ राशि
इन राशि वालों के लिए गजलक्ष्मी के स्वरूप की आराधना विशेष होती है, कारोबार में धन की प्राप्ति के लिए गज लक्ष्मी की पूजा, लक्ष्मीजी के उस स्वरूप की स्थापना करें, जिसमें दोनों तरफ उनके साथ हाथी हों, लक्ष्मीजी के समक्ष घी के तीन दीपक जलाएं, मां लक्ष्मी को एक कमल या गुलाब का फूल अर्पित करें, पूजा के उपरान्त उसी फूल को अपनी तिजोरी में रख दें।
🕉🚩वृष, कन्या, और मकर राशि :-
इस राशि के लोगों के लिए ऐश्वर्यलक्ष्मी की पूजा विशेष होती है, नौकरी में धन की बढ़ोतरी के लिए ऐश्वर्य लक्ष्मी की पूजा, गणेशजी के साथ लक्ष्मीजी की स्थापना करें, गणेशजी को पीले और लक्ष्मीजी को गुलाबी फूल चढ़ाएं, लक्ष्मीजी को अष्टगंध चरणों में अर्पित करें, नित्य प्रातः स्नान के बाद उसी अष्टगंध का तिलक लगाएं।
🕉🚩कर्क, वृश्चिक और मीन राशि :-
इस राशि के लिए वरलक्ष्मी की पूजा विशेष होती है। धन के नुकसान से बचने के लिए वर जयपुर लक्ष्मी की पूजा में लक्ष्मीजी के उस स्वरूप की स्थापना करें। जिसमें वह खड़ी हों और धन दे रही हों, उनके सामने सिक्के तथा नोट अर्पित करें, पूजन के बाद यही धनराशि अपनी तिजोरी में रखें, इसे खर्च न करें। उपरोक्त विधि-विधान से पूजन करने पर भुवनेश्वर महालक्ष्मी आप पर प्रसन्न होगीं जम्मू तथा घर में समृद्धि व प्रसन्नता आयेगी
🕉🚩भारत में दीपावली पूजन का मुहूर्त (31.10.2024):-
👉व्यावसायिक स्थल में पूजन का समय, कुम्भ लग्न:- 13 :57 से 15 : 24 तक
👉घर में पूजन का समय, वृषभ लग्न:- 18 :24 से 20 :19 तक
👉प्रातः काल में पूजन का समय, वृश्चिक लग्न:- 07:00 से 10 :10 तक
👉साधना और सिद्धि का समय, सिंह लग्न:- 00:59 से 03 :16 तक
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jharexpress · 1 year ago
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Karva Chauth 2023: तिथि, शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय, विधि
Karva Chauth 2023 : करवा चौथ 2023: तिथि (puja time), शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व, कथा, सरगी, जानिए आपके शहर में चंद्रोदय का समय (moon time) ??
करवा चौथ(Karva Chauth 2023) हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह एक प्रमुख पर्व है जो विवाहित महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु और सुरक्षा की कामना करती हैं। इस व्रत में महिलाएं करवा चौथ की पूजा और उपवास करती हैं तथा चंद्रमा के दर्शन के बाद ही ��पवास को खोलती हैं। यह पर्व हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, राजस्थान आदि राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है।
Karva Chauth 2023: करवा चौथ की पूजा के शुभ मुहूर्त
Karva Chauth 2023: करवा चौथ के उपवास के लाभ
करवा चौथ का व्रत रखने से महिलाओं को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:
Karva Chauth 2023: करवा चौथ की तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि (puja time) को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। इस बार करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर 2023, बुधवार को रखा जाएगा।
Karva Chauth 2023: करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय
करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय स्थान के अनुसार अलग-अलग होता है। कुछ प्रमुख शहरों में चंद्रोदय का समय (moon time) निम्नलिखित है:
करवा चौथ की पूजा विधि
करवा चौथ की पूजा विधि निम्नलिखित है:
करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ एक हिंदू त्योहार है जो विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु और सुख समृद्धि के लिए मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं सुबह से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती हैं। चंद्रोदय के बाद महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलती हैं।
करवा चौथ के महत्व के बारे में कुछ विशेष बातें
करवा चौथ (Karva Chauth 2023) व्रत का हिन्दू संस्कृति में विशेष महत्त्व है। इस दिन पति की लम्बी उम्र के पत्नियां पूर्ण श्रद्धा से निर्जला व्रत रखती है। कार्तिक मास की चतुर्थी को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है । इस साल एक नवंबर को करवा चौथ का व्रत रखा जा रहा है । दरअसल, इस साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर मंगलवार रात 9 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर एक नवंबर रात 9 बजकर 19 मिनट तक है । ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, करवा चौथ का व्रत बुधवार यानि  1 नवंबर को रखा जायेगा।
1 नवंबर को चन्द्रमाम(MOON) अपनी उच्च राशि वृषभ में होंगे। इसी के साथ मंगल, बुध और सूर्य तुला राशि में हैं। सूर्य और बुध बुधादित्य योग बना रहे हैं तो मंगल और सूर्य मिलकर मंगलादित्य योग बना रहे हैं। शनि भी 30 साल बाद अपनी मूलत्रिकोण राशि कुंभ में योग बना रहे हैं। इस दिन शिवयोग मृगशिरा नक्षत्र और बुधादित्य योग का संगम रहेगा। शिव योग शिव को समर्पित, मृगशिरा नक्षत्र मंगल को समर्पित, बुधादित्य योग यश और ज्ञान का प्रतीक माना गया है। इन योगों से पर्व का महत्व हजारों गुना बढ़ गया है।
Karva Chauth 2023: करवा चौथ का महात्म्य
छांदोग्य उपनिषद् के अनुसार चंद्रमा में पुरुष रूपी ब्रह्मा की उपासना करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इससे जीवन में किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होता है। साथ ही साथ इससे लंबी और पूर्ण आयु की प्राप्ति होती है। करवा चौथ के व्रत में शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणेश तथा चंद्रमा का पूजन करना चाहिए। चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा होती है। पूजा के बाद मिट्टी के करवे में चावल,उड़द की दाल, सुहाग की सामग्री रखकर सास अथवा सास के समकक्ष किसी सुहागिन के पांव छूकर सुहाग ��ामग्री भेंट करनी चाहिए।
महाभारत से संबंधित पौराणिक कथा के अनुसार पांडव पुत्र अर्जुन तपस्या करने नीलगिरी पर्वत पर चले जाते हैं। दूसरी ओर बाकी पांडवों पर कई प्रकार के संकट आन पड़ते हैं। द्रौपदी भगवान श्रीकृष्ण से उपाय पूछती हैं। वह कहते हैं कि यदि वह कार्तिक कृष्ण चतुर्थी के दिन करवाचौथ का व्रत करें तो इन सभी संकटों से मुक्ति मिल सकती है। द्रौपदी विधि विधान सहित करवाचौथ (Karva Chauth) का व्रत रखती है जिससे उनके समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं। इस प्रकार की कथाओं से करवा चौथ का महत्त्व हम सबके सामने आ जाता है।
सरगी का महत्त्व
करवा चौथ (Karva Chauth 2023) में सरगी का काफी महत्व है। सरगी सास की तरफ से अपनी बहू को दी जाती है। इसका सेवन महिलाएं करवाचौथ के दिन सूर्य निकलने से पहले तारों की छांव में करती हैं। सरगी के रूप में सास अपनी बहू को विभिन्न खाद्य पदार्थ एवं वस्त्र इत्यादि देती हैं। सरगी, सौभाग्य और समृद्धि का रूप होती है। सरगी के रूप में खाने की वस्तुओं को जैसे फल, मीठाई आदि को व्रती महिलाएं व्रत वाले दिन सूर्योदय से पूर्व प्रात: काल में तारों की छांव में ग्रहण करती हैं। तत्पश्चात व्रत आरंभ होता है। अपने व्रत को पूर्ण करती हैं।
महत्त्व के बाद बात आती है कि करवा चौथ की पूजा विधि क्या है? किसी भी व्रत में पूजन विधि का बहुत महत्त्व होता है। अगर सही विधि पूर्वक पूजा नहीं की जाती है तो इससे पूरा फल प्राप्त नहीं हो पाता है। वैसे अलग अलग क्षेत्र में ये पूजा अलग अलग विधि विधान से की जाती है । कहीं कहीं इसे गणेश चौथ के नाम से भी मनाया जाता है ।
करवा चौथ (Karva Chauth 2023) को लेकर कई तरह की कथाएं प्रचलित हैं । आइए जानते कुछ प्रमुख कथाओं के बारे में –
प्रथम कथा
बहुत समय पहले की बात है, एक साहूकार के सात बेटे और उनकी एक बहन करवा थी। सभी सातों भाई अपनी बहन से बहुत प्यार करते थे। यहाँ तक कि वे पहले उसे खाना खिलाते और बाद में स्वयं खाते थे। एक बार उनकी बहन ससुराल से मायके आई हुई थी। शाम को भाई जब अपना व्यापार-व्यवसाय बंद कर घर आए तो देखा उनकी बहन बहुत व्याकुल थी। सभी भाई खाना खाने बैठे और अपनी बहन से भी खाने का आग्रह करने लगे, लेकिन बहन ने बताया कि उसका आज करवा चौथ (Karva Chauth) का निर्जल व्रत है और वह खाना सिर्फ चंद्रमा को देखकर उसे अर्घ्‍य देकर ही खा सकती है। चूँकि चंद्रमा अभी तक नहीं निकला है, इसलिए वह भूख-प्यास से व्याकुल हो उठी है।
सबसे छोटे भाई को अपनी बहन की हालत देखी नहीं जाती और वह दूर पीपल के पेड़ पर एक दीपक जलाकर चलनी की ओट में रख देता है। दूर से ��ेखने पर वह ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे चतुर्थी का चाँद उदित हो रहा हो।
इसके बाद भाई अपनी बहन को बताता है कि चाँद निकल आया है, तुम उसे अर्घ्य देने के बाद भोजन कर सकती हो। बहन खुशी के मारे सीढ़ियों पर चढ़कर चाँद को देखती है, उसे अर्घ्‍य देकर खाना खाने बैठ जाती है।
वह पहला टुकड़ा मुँह में डालती है तो उसे छींक आ जाती है। दूसरा टुकड़ा डालती है तो उसमें बाल निकल आता है और जैसे ही तीसरा टुकड़ा मुँह में डालने की कोशिश करती है तो उसके पति की मृत्यु का समाचार उसे मिलता है। वह बौखला जाती है।
उसकी भाभी उसे सच्चाई से अवगत कराती है कि उसके साथ ऐसा क्यों हुआ ? करवा चौथ का व्रत गलत तरीके से टूटने के कारण देवता उससे नाराज हो गए हैं और उन्होंने ऐसा किया है।
सच्चाई जानने के बाद करवा निश्चय करती है कि वह अपने पति का अंतिम संस्कार नहीं होने देगी और अपने सतीत्व से उन्हें पुनर्जीवन दिलाकर रहेगी। वह पूरे एक साल तक अपने पति के शव के पास बैठी रहती है। उसकी देखभाल करती है। उसके ऊपर उगने वाली सूईनुमा घास को वह एकत्रित करती जाती है।
एक साल बाद फिर करवा चौथ का दिन आता है। उसकी सभी भाभियाँ करवा चौथ का व्रत रखती हैं। जब भाभियाँ उससे आशीर्वाद लेने आती हैं तो वह प्रत्येक भाभी से 'यम सूई ले लो, पिय सूई दे दो, मुझे भी अपनी जैसी सुहागिन बना दो' ऐसा आग्रह करती है, लेकिन हर बार भाभी उसे अगली भाभी से आग्रह करने का कह चली जाती है।
इस प्रकार जब छठे नंबर की भाभी आती है तो करवा उससे भी यही बात दोहराती है। यह भाभी उसे बताती है कि चूँकि सबसे छोटे भाई की वजह से उसका व्रत टूटा था अतः उसकी पत्नी में ही शक्ति है कि वह तुम्हारे पति को दोबारा जीवित कर सकती है, इसलिए जब वह आए तो तुम उसे पकड़ लेना और जब तक वह तुम्हारे पति को जिंदा न कर दे, उसे नहीं छोड़ना। ऐसा कह के वह चली जाती है। सबसे अंत में छोटी भाभी आती है। करवा उनसे भी सुहागिन बनने का आग्रह करती है, लेकिन वह टालमटोली करने लगती है। इसे देख करवा उन्हें जोर से पकड़ लेती है और अपने सुहाग को जिंदा करने के लिए कहती है। भाभी उससे छुड़ाने के लिए नोचती है, खसोटती है, लेकिन करवा नहीं छोड़ती है।
अंत में उसकी तपस्या को देख भाभी पसीज जाती है और अपनी छोटी अँगुली को चीरकर उसमें से अमृत उसके पति के मुँह में डाल देती है। करवा का पति तुरंत श्रीगणेश-श्रीगणेश कहता हुआ उठ बैठता है। इस प्रकार प्रभु कृपा से उसकी छोटी भाभी के माध्यम से करवा को अपना सुहाग वापस मिल जाता है। हे श्री गणेश माँ गौरी जिस प्रकार करवा को चिर सुहागन का वरदान आपसे मिला है, वैसा ही सब सुहागिनों को मिले।
Karva Chauth 2023: करवाचौथ की द्वितीय कथा
इस कथा का सार यह है कि शाकप्रस्थपुर वेदधर्मा ब्र��ह्मण की विवाहिता पुत्री वीरवती ने करवा चौथ का व्रत किया था। नियमानुसार उसे चंद्रोदय के बाद भोजन करना था, परंतु उससे भूख नहीं सही गई और वह व्याकुल हो उठी। उसके भाइयों से अपनी बहन की व्याकुलता देखी नहीं गई और उन्होंने पीपल की आड़ में आतिशबाजी का सुंदर प्रकाश फैलाकर चंद्रोदय दिखा दिया और वीरवती को भोजन करा दिया।
परिणाम यह हुआ कि उसका पति तत्काल अदृश्य हो गया। अधीर वीरवती ने बारह महीने तक प्रत्येक चतुर्थी को व्रत रखा और करवा चौथ के दिन उसकी तपस्या से उसका पति पुनः प्राप्त हो गया।
Karva Chauth 2023: करवा चौथ की तृतीय कथा
एक समय की बात है कि एक करवा नाम की पतिव्रता स्त्री अपने पति के साथ नदी के किनारे के गाँव में रहती थी। एक दिन उसका पति नदी में स्नान करने गया। स्नान करते समय वहाँ एक मगर ने उसका पैर पकड़ लिया। वह मनुष्य करवा-करवा कह के अपनी पत्नी को पुकारने लगा।
उसकी आवाज सुनकर उसकी पत्नी करवा भागी चली आई और आकर मगर को कच्चे धागे से बाँध दिया। मगर को बाँधकर यमराज के यहाँ पहुँची और यमराज से कहने लगी- हे भगवन! मगर ने मेरे पति का पैर पकड़ लिया है। उस मगर को पैर पकड़ने के अपराध में आप अपने बल से नरक में ले जाओ।
यमराज बोले- अभी मगर की आयु शेष है, अतः मैं उसे नहीं मार सकता। इस पर करवा बोली, अगर आप ऐसा नहीं करोगे तो मैं आप को श्राप देकर नष्ट कर दूँगी। सुनकर यमराज डर गए और उस पतिव्रता करवा के साथ आकर मगर को यमपुरी भेज दिया और करवा के पति को दीर्घायु दी। हे करवा माता! जैसे तुमने अपने पति की रक्षा की, वैसे सबके पतियों की रक्षा करना।
Karva Chauth 2023: करवाचौथ की चौथी कथा
एक बार पांडु पुत्र अर्जुन तपस्या करने नीलगिरी नामक पर्वत पर गए। इधर द्रौपदी बहुत परेशान थीं। उनकी कोई खबर न मिलने पर उन्होंने कृष्ण भगवान का ध्यान किया और अपनी चिंता व्यक्त की। कृष्ण भगवान ने कहा- बहना, इसी तरह का प्रश्न एक बार माता पार्वती ने शंकरजी से किया था।
पूजन कर चंद्रमा को अर्घ्‍य देकर फिर भोजन ग्रहण किया जाता है। सोने, चाँदी या मिट्टी के करवे का आपस में आदान-प्रदान किया जाता है, जो आपसी प्रेम-भाव को बढ़ाता है। पूजन करने के बाद महिलाएँ अपने सास-ससुर एवं बड़ों को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लेती हैं।
तब शंकरजी ने माता पार्वती को करवा चौथ का व्रत बतलाया। इस व्रत को करने से स्त्रियाँ अपने सुहाग की रक्षा हर आने वाले संकट से वैसे ही कर सकती हैं जैसे एक ब्राह्मण ने की थी। प्राचीनकाल में एक ब्राह्मण था। उसके चार लड़के एवं एक गुणवती लड़की थी।
एक बार लड़की मायके में थी, तब करवा चौथ का व्रत पड़ा। उसने व्रत को विधिपूर्वक किया। पूरे दिन निर्जला रही। कुछ खाया-पीया नहीं, पर उसके चारों भाई परेशान थे कि बहन को प्यास लगी होगी, भूख लगी होगी, पर बहन चंद्रोदय के बाद ही जल ग्रहण करेगी।
भाइयों से न रहा गया, उन्होंने शाम होते ही बहन को बनावटी चंद्रोदय दिखा दिया। एक भाई पीपल की पेड़ पर छलनी लेकर चढ़ गया और दीपक जलाकर छलनी से रोशनी उत्पन्न कर दी। तभी दूसरे भाई ने नीचे से बहन को आवाज दी- देखो बहन, चंद्रमा निकल आया है, पूजन कर भोजन ग्रहण करो। बहन ने भोजन ग्रहण किया।
भोजन ग्रहण करते ही उसके पति की मृत्यु हो गई। अब वह दुःखी हो विलाप करने लगी, तभी वहाँ से रानी इंद्राणी निकल रही थीं। उनसे उसका दुःख न देखा गया। ब्राह्मण कन्या ने उनके पैर पकड़ लिए और अपने दुःख का कारण पूछा, तब इंद्राणी ने बताया- तूने बिना चंद्र दर्शन किए करवा चौथ का व्रत तोड़ दिया इसलिए यह कष्ट मिला। अब तू वर्ष भर की चौथ का व्रत नियमपूर्वक करना तो तेरा पति जीवित हो जाएगा। उसने इंद्राणी के कहे अनुसार चौथ व्रत किया तो पुनः सौभाग्यवती हो गई। इसलिए प्रत्येक स्त्री को अपने पति की दीर्घायु के लिए यह व्रत करना चाहिए। द्रोपदी ने यह व्रत किया और अर्जुन सकुशल मनोवांछित फल प्राप्त कर वापस लौट आए। तभी से हिन्दू महिलाएँ अपने अखंड सुहाग के लिए करवा चौथ व्रत करती हैं। सायं काल में चंद्रमा के दर्शन करने के बाद ही पति द्वारा अन्न एवं जल ग्रहण करें। पति, सास-ससुर सब का आशीर्वाद लेकर व्रत को समाप्त करें।
पूजा एवं चन्द्र को अर्घ्य देने का मुहूर्त
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी (Karva Chauth) 1 नवम्बर को करवा चौथ पूजा मुहूर्त- सायं 05:35 से 06:55 बजे तक।
चंद्रोदय- 20:06 मिनट पर।
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ - 31 अक्टूबर को रात्रि 09:30 बजे से।
चतुर्थी तिथि समाप्त - 01 नवम्बर को रात्रि 09:19 बजे।
इस साल 13 घंटे 26 मिनट का समय व्रत के लिए है। ऐसे में महिलाओं को सुबह 6 बजकर 40 मिनट से शाम 08 बजकर 06 मिनट तक करवा चौथ का व्रत रखना होगा।
करवा चौथ के दिन चन्द्र को अर्घ्य देने का समय रात्रि 8:07 बजे से 8:55 तक है।
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ के दिन शाम के समय चन्द्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत खोला जाता है।
चंद्रदेव को अर्घ्य देते समय इस मंत्र का जप अवश्य करना चाहिए। अर्घ्य देते समय इस मंत्र के जप करने से घर में सुख व शांति आती है।
"गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते।
गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक॥"
इसका अर्थ है कि सागर समान आकाश के माणिक्य, दक्षकन्या रोहिणी के प्रिय व श्री गणेश के प्रतिरूप चंद्रदेव मेरा अर्घ्य स्वीकार करें।
सुख सौभाग्य के लिये राशि अनुसार उपाय
मेष राशि- मेष राशि की महिलाएं करवा चौथ की पूजा अगर लाल और गोल्डन रंग के कपड़े पहनकर करती हैं तो आने वाला समय बेहद शुभ रहेगा।
वृषभ ��ाशि - वृषभ राशि की महिलाओं को इस करवा चौथ सिल्वर और लाल रंग के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए। इस रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने से आने वाले समय में पति-पत्नी के बीच प्यार में कभी कमी नहीं आएगी।
मिथुन राशि - इस राशि की महिलाओं के लिए हरा रंग इस करवा चौथ बेहद शुभ रहने वाला है। इस राशि की महिलाओं को करवा चौथ के दिन हरे रंग की साड़ी के साथ हरी और लाल रंग की चूड़ियां पहनकर चांद की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके पति की आयु निश्चित लंबी होगी।
कर्क राशि - कर्क राशि की महिलाओं को करवा चौथ की पूजा विशेषकर लाल-सफेद रंग के क��म्बिनेशन वाली साड़ी के साथ रंग-बिरंगी चूडि़यां पहनकर पूजा करनी चाहिए। याद रखें इस राशि की महिलाओं को व्रत खोलते समय चांद को सफेद बर्फी का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से आपके पति का प्यार आपके लिए कभी कम नहीं होगा।
सिंह राशि - करवा चौथ की साड़ी चुनने के लिए इस राशि की महिलाओं के पास कई विकल्प मौजूद हैं। इस राशि की महिलाएं लाल, संतरी, गुलाबी और गोल्डन रंग चुन सकती है। इस रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने से शादीशुदा जोड़े के वैवाहिक जीवन में हमेशा प्यार बना रहता है।
कन्या राशि - कन्या राशि वाली महिलाओं को इस करवा चौथ लाल-हरी या फिर गोल्डन कलर की साड़ी पहनकर पूजा करने से लाभ मिलेगा। ऐसा करने से दोनों के वैवाहिक जीवन में मधुरता बढ़ जाएगी।
तुला राशि - इस राशि की महिलाओं को पूजा करते समय लाल- सिल्वर रंग के कपड़े पहनने चाहिए। इस रंग के कपड़े पहनने पर पति का साथ और प्यार दोनों हमेशा बना रहेगा।
वृश्चिक राशि - इस राशि की महिलाएं लाल, मैरून या गोल्डन रंग की साड़ी पहनकर पूजा करें तो पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ जाएगा।
धनु राशि - इस राशि की महिलाएं पीले या आसमानी रंग के कपड़े पहनकर पति की लंबी उम्र की कामना करें।
मकर राशि - मकर राशि की महिलाएं इलेक्ट्रिक ब्लू रंग करवा चौथ पर पहनने के लिए चुनें। ऐसा करने से आपके मन की हर इच्छा जल्द पूरी होगी।
कुंभ राशि - ऐसी महिलाओं को नेवी ब्लू या सिल्वर कलर के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से गृहस्थ जीवन में सुख शांति बनी रहेगी।
मीन राशि - इस राशि की महिलाओं को करवा चौथ पर लाल या गोल्डन रंग के कपड़े पहनना शुभ होगा।
समापन
करवा चौथ का यह पर्व सामाजिक एकता और परंपरा का प्रतीक है। इस विशेष दिन पर, हम सभी महिलाएं अपने पति की खुशियों की कामना करती हैं और उनके साथ विशेष रूप से समय बिताती हैं। इसके अलावा, यह एक विशेष अवसर है जब हम समाज में एक साथ आकर्षित होते हैं और परंपरा का महत्व समझते हैं। इस करवा चौथ पर, हम सभी को खुशियों और समृद्धि की कामना है, और हम साथ हैं इस खास पर्व को और भी खास बनाने के लिए।
करवा चौथ (Karva Chauth 2023) की सभी महिलाओं को हार्दिक शुभकामनाएं। आप सभी के पति की लंबी आयु और सुख समृद्धि की कामना करता हूं।
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bhagyachakra · 2 years ago
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।। नमो नमः ।। ।।भाग्यचक्र ।। आज का पञ्चाङ्ग :- संवत :- २०७९ दिनांक :- 21 जनवरी 2023 सूर्योदय :- 07:11 सूर्यास्त :- 18:07 सूर्य राशि :- मकर चंद्र राशि :- धनु मास :- माघ तिथि :- अमावस्या वार :- शनिवार नक्षत्र :- पूर्वाषाढ़ा योग :- हर्षण करण :- चतुष्पद अयन:- उत्तरायण पक्ष :- कृष्ण ऋतू :- हेमंत लाभ :- 14:00 - 15:22 अमृत:- 15:23 - 16:44 शुभ :- 08:31 - 09:54 राहु काल :- 09:55 - 11:17 जय महाकाल महाराज :- आज का दिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अत्यंत विशेष है आज मोनी अमावस्या व शनिश्चरी अमावस्या का योग लगभग 20 वर्षों के पश्चात बना है अतः आज के दिन स्नान व दान का अत्यधिक महत्व है। *मोनी अमावस्या , शनिश्चरी अमावस्या ( आज पितरों का धूप ध्यान पूजन रहेगा ) :-* *आज अमावस्या तिथि है।* अतः जिस भी व्यक्ति को पितृदोष है वह आज अमावस्या को प्रातः स्नान करने के पश्चात पितृदेव का ध्यान करे व पीपल के वृक्ष में जल चढावें तथा शिवालय में जाकर शिवलिंग का स्वयं या ब्राह्मणो द्वारा जलाभिषेक पूजन करें व प्रभु भोलेनाथ भगवान से अपने समस्त कष्टों को हरने व अपनी मनोरथ के पूर्ण होने की प्रार्थना करे। तत्पश्चात घर पर घी व गुड़ की धूप कंडे पर देवे। तथा गाय माता को चारा खिलाए। नोट :- जिन लोगो को पितृदोष नही है वह भी उपर���क्त कार्य कर सकते है। पितृओं का आशिर्वाद प्राप्त होगा। पितरौ का धूप ध्यान का समय दोपहर ११:३० से १२:३० के मध्य अति उत्तम रहता है। अमावस्या के दिन विष्णुसहस्रनाम व गजेन्द्रमोक्ष स्तोत्र का पाठ करने से भी पितृदोष में शांति मिलती है। आज का मंत्र :- ""|| ॐ शं शनैश्चराय नमः।। ||"" *🙏नारायण नारायण🙏* जय महाकालेश्वर महाराज। माँ महालक्ष्मी की कृपा सदैव आपके परिवार पर बनी रहे। 🙏🌹जय महाकालेश्वर महाराज🌹🙏 महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग का आज का भस्म आरती श्रृंँगार दर्शन। 21 जनवरी 2023 ( शनिवार ) जय महाकालेश्वर महाराज। सभी प्रकार के ज्योतिष समाधान हेतु। Whatsapp@9522222969 https://www.facebook.com/Bhagyachakraujjain शुभम भवतु ! 9522222969 https://www.instagram.com/p/CnqagoPIF_e/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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lokkesari · 2 years ago
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शनि अमावस्या - मौनी अमावस्या, खास योग में शनि की साढ़े साती- ढैय्या औऱ शनि दोष को कम करने के उपाय करना होगा फलदायी
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शनि अमावस्या - मौनी अमावस्या, खास योग में शनि की साढ़े साती- ढैय्या औऱ शनि दोष को कम करने के उपाय करना होगा फलदायी
पंचांग के अनुसार माघ मास की अमावस्या तिथि 21 जनवरी 2023, शनिवार के दिन पड़ रही है। इसी अमावस्या को शनि अमावस्या के साथ मौनी अमावस्या भी है।
मौनी अमावस्‍या 21 जनवरी को सुबह 6 बजकर 17 मिनट से आरंभ होगी और जो कि 22 जनवरी को सुबह 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि की मान्‍यता के अनुसार मौनी अमावस्‍या 21 जनवरी को मनाई जाएगी।
मान्यता है कि मौनी अमावस्‍या पर गंगा, यमुनी और शिप्रा जैसी पवित्र नदियों में स्‍नान करन की मान्‍यता है। इस दिन साधू-संत और धार्मिक कार्यों में रुचि रखने वाले प्रयागराज में संगम में डुबकी लगाते हैं। इसके अलावा इस दिन साधु संत मौन व्रत भी धारण करते हैं। स्‍नान के बाद सूर्य देवता को अर्घ्‍य देकर पूजन किया जाता है। इस पूजन से पितरों की आत्‍म‍ा प्रसन्‍न होती है। इसके साथ ही इस दिन जरूरतमंदों को दान भी जरूर करना चाहिए। इस दिन गरम कपड़े, कंबल, फल और अन्‍न का दान करना भी शुभ माना जाता है। इस बार यह अमावस्या शनिवार को होने की वजह से यदि आप शनि से जुड़ी वस्‍तुओं का दान करेंगे तो यह विशेष फल प्रदान करने वाला माना जाएगा।
पंचांग के अनुसार, इस साल माघ माह में पड़ने वाली अमावस्या पर काफी दुर्लभ संयोग बन रहा है।शास्त्रों के अनुसार, इस बार खास संयोग यह है कि 21 जनवरी 2023 को मौनीअमावस्या- शनिश्‍चरी अमावस्‍या पर शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में रहेंगे। इसके साथ ही इस बार शनि���्‍चरी अमावस्‍या पर खप्‍पर योग, चतुरग्रही योग, षडाष्‍टक योग और समसप्‍तक योग रहने से यह बहुत खास मानी जा रही है।
ज्योतिषियों की माने तो जिन जातकों पर शनि की साढ़ेसाती व ढैया का प्रभाव है उनके लिए यह अमावस्या बहुत ही लाभ देने वाली होगी। शनिदेव को प्रसन्‍न और प्रायश्चित करने के लिए इस बार की शनिश्‍चरी अमावस्‍या सबसे खास होगी। मान्यता है कि इस दिन शनि की प्रिय वस्‍तुओं का दान करके आप उनकी कृपा के पात्र बन सकते हैं। इस दिन काले कंबल, काले जूते, काले तिल, काली उड़द का दान करना सबसे उत्‍तम माना गया है।
शास्‍त्रों ��ें बताया गया है कि इस दिन सरसों के तेल से शनि महाराज का अभिषेक करने से शनिदेव आपको शुभता प्रदान करते हैं। इसके साथ शनि मंदिर में जाकर दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ करें।शनि अमावस्या के दिन स्नान-दान के साथ भगवान शनि की पूजा करने का विशेष महत्व है। इसके साथ ही इस दिन पितरों का तर्पण करने का भी शुभ फल प्राप्त होगा।शनिवार को हनुमान पूजन, शिव पूजन, पीपल वृक्ष पूजा कल्याणकारी होती है।
ज्योतिषिय सलाह संपर्क करे – 9105886840
जाने- आज शनि का कुंभ राशि में होगा प्रवेश, धनु राशि होगी साढ़ेसाती से मुक्त, मिथुन राशि को मिलेगी राहत http://www.lokkesari.com/?p=17889
डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित है।लोक केसरी इसकी पुष्टि नहीं करता है।संबंधित जानकारो से सलाह कर ही अमल में लाये।
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rahuleshwar · 5 years ago
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शास्त्रों के अनुसार माँ गायत्री को वेदमाता माना गया है और गायत्री मंत्र को सभी मंत्रों की जननी बताया गया है। गायत्री मंत्र के नियमपूर्वक जाप करने से समस्त पापों का नाश होता है।
पूर्व जन्म के संस्कारों के कारण हमें वर्तमान शरीर प्राप्त होता है और द्वादश राशियों में किसी एक राशि में हमारा जन्म होता है। प्रारब्ध कर्मों के प्रभाव के कारण सत्व, रज और सम गुणों के आधार पर वर्तमान जन्म में हमें अलग-अलग देवी देवताओं के प्रति रुचि स्वतः ही उत्पन्न होती है और ऐसे में उनके गायत्री मंत्र के अनुसार पूजन करना बहुत शुभ व तेजी से अच्छे परिणाम देने वाला साबित होता है।
आज मंगलवार है और मंगलवार विशेष रुप से मंगल ग्रह और वीर हनुमान के पूजन के लिए जाना जाता है। हनुमान जी वीरों में वीर है और अष्टचिरंजीवी भी है और कलयुग में जागृत देवताओं में से एक है। इनके पूजन से जीव का अपनी इन्द्रियों पर नियंत्रण बढ़ता है, पापमार्ग से जीव तेजी से दूर होता है और सदमार्ग पर चलकर जीवन का सदुपयोग कर पाता है।
गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए तीन समय मुख्य है जिसमें सर्वप्रथम प्रातःकाल, सूर्योदय से थोड़ी देर पहले मंत्र जाप शुरु करें और सूर्योदय के पश्चात् तक करें।
दूसरा समय दोपहर का होता है और
तीसरा समय शाम के समय सूर्यास्त के कुछ देर पहले मंत्र जाप शुरु करना चाहिए और सूर्यास्त होने के कुछ देर बाद तक जाप करना चाहिए।
वीर हनुमान के पूजन हेतु गायत्री मंत्र आपक�� सुविधा के लिए यहाँ दिया गया है।
ॐ आंजनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि तन्नो हनूमान् प्रचोदयात् ॥
गायत्री मंत्र का जाप करते समय एक बात का ध्यान रखें कि इस मंत्र का जाप करते समय बहुत तेज या बहुत धीमें उच्चारण नहीं करना चाहिए ब्लकि मध्यम स्वर में उच्चारण करना चाहिए।
गुरु राहुलेश्वर भाग्य मंथन
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bhaktigroupofficial · 3 years ago
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💐🌼🌺🛕[श्री भक्ति ग्रुप मंदिर]🛕🌺🌼💐
🕉जय माता लक्ष्मी जी🕉
🌄#सुप्रभातम🌄
🗓#आज_का_पञ्चाङ्ग🗓
🌻#शुक्रवार, २७ #अगस्त २०२१🌻
सूर्योदय: 🌄 ०५:५८
सूर्यास्त: 🌅 ०६:५९
चन्द्रोदय: 🌝 २१:४४
चन्द्रास्त: 🌜१०:११
अयन 🌕 दक्षिणायने (उत्तरगोलीय)
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 भाद्रपद
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 पञ्चमी (१८:४८ तक)
नक्षत्र 👉 अश्विनी (२४:४८ तक)
योग 👉 वृद्धि (पूर्ण रात्रि)
प्रथम करण 👉 कौलव (०५:५६ तक)
द्वितीय करण 👉 तैतिल (१८:४८ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 सिंह
चंद्र 🌟 मेष
मंगल 🌟 सिंह (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 सिंह (अस्त, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 कन्या (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५२ से १२:४४
अमृत काल 👉 १६:५४ से १८:३९
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०५:५१ से २४:४८
रवियोग 👉 २४:४८ से २९:५१
विजय मुहूर्त 👉 १४:२७ से १५:१९
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:३�� से १८:५६
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५६ से २४:४१
राहुकाल 👉 १०:४१ से १२:१८
राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व
यमगण्ड 👉 १५:३२ से १७:०८
होमाहुति 👉 गुरु
दिशाशूल 👉 पश्चिम
अग्निवास 👉 पृथ्वी
चन्द्रवास 👉 पूर्व
शिववास 👉 नन्दी पर (१८:४८ से भोजन में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ - चर २ - लाभ
३ - अमृत ४ - काल
५ - शुभ ६ - रोग
७ - उद्वेग ८ - चर
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ - रोग २ - काल
३ - लाभ ४ - उद्वेग
५ - शुभ ६ - अमृत
७ - चर ८ - रोग
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
पूर्व-उत्तर (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
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हल चंदन षष्ठी व्रत, गृहप्रवेश+उद्योग-मशीनरी+व्यवसाय आरम्भ+ देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०६:०८ से १०:५२ तक, भूमि-भवन+वाहनादि क्रय-विक्रय मुहूर्त दोपहर १२:२८ से ०२:०४ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २४:४८ तक जन्मे शिशुओ का नाम
अश्विनी नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (चू, चे, चो, ला) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम भरणी नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमश (ली) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
सिंह - २९:०८ से ०७:२७
कन्या - ०७:२७ से ०९:४५
तुला - ०९:४५ से १२:०६
वृश्चिक - १२:०६ से १४:२५
धनु - १४:२५ से १६:२९
मकर - १६:२९ से १८:१०
कुम्भ - १८:१० से १९:३६
मीन - १९:३६ से २०:५९
मेष - २०:५९ से २२:३३
वृषभ - २२:३३ से २४:२८
मिथुन - २४:२८ से २६:४३
कर्क - २६:४३ से २९:०४
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त - ०५:५१ से ०७:२७
चोर पञ्चक - ०७:२७ से ०९:४५
शुभ मुहूर्त - ०९:४५ से १२:०६
रोग पञ्चक - १२:०६ से १४:२५
शुभ मुहूर्त - १४:२५ से १६:२९
मृत्यु पञ्चक - १६:२९ से १८:१०
अग्नि पञ्चक - १८:१० से १८:४८
शुभ मुहूर्त - १८:४८ से १९:३६
रज पञ्चक - १९:३६ से २०:५९
अग्नि पञ्चक - २०:५९ से २२:३३
शुभ मुहूर्त - २२:३३ से २४:२८
रज पञ्चक - २४:२८ से २४:४८
शुभ मुहूर्त - २४:४८ से २६:४३
चोर पञ्चक - २६:४३ से २९:०४
शुभ मुहूर्त - २९:०४ से २९:५१
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन अधिकांश समय आपमें चंचलता अधिक रहेगी। महत्त्वपूर्ण कार्यो में भी लापरवाही दिखाएंगे अथवा इच्छा शक्ति की कमी रहने से कार्य हानि हो सकती है। व्यवहारिक रूप से आप अधिक ��क्रिय रहेंगे। मन चंचल रहने पर भी हास्य परिहास से आस-पास का वातावरण हल्का करने की क्षमता रहेगी। आर्थिक दृष्टिकोण से संध्या का समय अधिक शुभ रहेगा। बैठे बिठाये धन लाभ होने की सम्भवना है। पारिवारिक सदस्य से रूठना मनाना लगा रहेगा। मित्र मण्डली के साथ पर्यटन के अवसर मिलेंगे।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आपको आशा से अधिक एवं एक दम विपरीत फल देगा। विशेष कर आज अपनी सोच में निराशा को जगह ना दें। आज आप जो भी विचार करेंगे उसका विपरीत फल मिलेगा। कार्यो में अधिक व्यस्त रहने के कारण सामाजिक क्षेत्र से दूरी बनेगी। धन लाभ के लिए किये जा रहे प्रयासों में बड़ी मुश्किल से सफलता मिलेगी। प्रेम प्रसंगों के कारण किसी से विवाद हो सकता है। खर्च अनियंत्रित रहेंगे जिससे आर्थिक संतुलन बिगड़ेगा। शारीरिक रूप से अधिक परिश्रम करने में असमर्थ रहेंगे। हित शत्रु हानि पहुँचा सकते है सतर्क रहें।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आपका आज का दिन सामान्य से अधिक शुभ फल देने वाला रहेगा। सामाजिक एवं व्यावसायिक क्षेत्र पर अपनी प्रतिभा दिखाने का सुअवसर मिलेगा फिर भी इससे आर्थिक लाभ की आशा ना रखे सम्बन्ध प्रगाढ़ होंगे। धन लाभ के लिए आज थोड़ा अधिक बौद्धिक एवं शारीरिक परिश्रम करना पड़ेगा। धार्मिक कार्यो में भी सहभागिता देंगे। मध्यान के समय कार्य व्यवसाय में गति रहने से व्यस्तता रहेगी। शारीरिक रूप से थका हुआ अनुभव होगा। परिजनो की इच्छा पूर्ती पर खर्च करेंगे। गृहस्थ सुख सामान्य रहेगा।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज भी दिन आपके अनुकूल रहेगा। सरकार की तरफ से लाभ होने के संकेत है अथवा थोड़े प्रयास के बाद लटके सरकारी कार्यो में सफलता अवश्य मिलेगी। कार्य क्षेत्र से दोपहर के बाद आकस्मिक खुशखबरी मिलने से आनंदित रहेंगे। धन का खर्च अधिक रहेगा परन्तु व्यर्थ नहीं होगा। अविवाहितो को विवाह के प्रस्ताव मिलेंगे। नए सम्बन्ध बनने की पूर्ण सम्भावना है। घर के बुजुर्ग आप के ऊपर कृपा बनाये रहेंगे। अधिकारियों अथवा अन्य वरिष्ठ लोगो से आसानी से काम निकाल सकेंगे।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आपका आज का दिन भाग्योदय कारक रहेगा। घर एवं बाहर आशा से अधिक सहयोगी वातावरण मिलने से लगभग सभी कार्य निर्विघ्न पूर्ण होंगे परन्तु उधार सम्बंधित व्यवहारों के कारण थोड़ी चिंता भी रहेगी। नौकरी पेशा जातकी की कार्य ��ुशलता के लिए प्रशंशा होगी। थोक अथवा कमीशन के व्यवसाय से अधिक लाभ मिलेगा। धन लाभ प्रचुर मात्रा में होने से खुश रहेंगे। घर की महिलाएं आप पर प्रसन्न रहेंगी। दाम्पत्य जीवन का भरपूर आनंद लेंगे। बाहर घूमने एवं उत्तम भोजन सुख मिलेगा। आलस्य से बचें।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आपका आज का दिन मिला-जुला रहेगा। भावुकता अधिक रहने के कारण छोटी-छोटी बातों को दिल पर लेंगे। घर एवं बाहर का वातावरण इसी कारण दूषित हो सकता है। आर्थिक आयोजनों को पूर्ण करने में पहले बाधाएं आएगी बाद में स्थिति आपके पक्ष में आने से लाभ के अवसर मिलेंगे। मध्यान के बाद अधिकांश मामलो में आप अपने मन की ही करेंगे और इससे संतुष्ट भी रहेंगे। घर की समस्याएं घर में ही निपटाएं बाहर ना लेजाए। व्यावसायिक कारणों से अल्प लाभदायी यात्रा हो सकती है। पैतृक कार्य में सफलता मिलेगी।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आपका आज का दिन लाभदायक रहेगा। प्रतिस्पर्धियों पर आसानी से विजय पा लेंगे। कार्य व्यवसाय भी पहले से बेहतर चलेंगे। आपकी सोची हुई योजनाओं में से अधिकांश सफल रहेंगी। आत्मविश्वास बढ़ा हुआ रहेगा। व्यवसाय में नए प्रयोग अधिक लाभ कराएंगे। रुके हुए धन की प्राप्ति में थोड़ी बाधा आ सकती है परन्तु प्रयास करने पर वापसी की उम्मीद बनी रहेगी। किसी मांगलिक आयोजन में सम्मिलित हो सकते है। सुख के साधनों की वृद्धि करने पर अधिक ध्यान रहेगा इसपर खर्च भी करेंगे। गृहस्थ सुख सामान्य रहेगा।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज दिन के पूर्वार्ध में परिस्तिथियां प्रतिकूल रहेंगी। पूर्व निर्धारित कार्य में विलम्ब होने से भाग-दौड़ करनी पड़ेगी। धन संबंधित कार्य को लेकर किसी से तकरार हो सकती है। आज आप गहरी सोच में डूबे रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मियों का मनमाने आचरण के कारण क्रोध आएगा फिर भी मौन रहकर कार्य करें अन्यथा आगे होने वाले लाभ से वंचित रह सकते है। दोपहर के बाद स्थिति में सुधार आएगा। विघ्न डालने वाले स्वयं अपनी गलती मानकर सहयोग करेंगे। धन लाभ मध्यम रहेगा। परिजनों से भी बेकार की बहस हो सकती है।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज दिन के पूर्वार्ध में आप दुविधा में फंसे रहेंगे। किसी भीं कार्य में स्थिति स्पष्ट ना होने के कारण कार्य रुके रह सकते है केवल मन ही मन कार्यो की रूपरेखा बनाएंगे। धीरे-धीरे स्थिति स्पष्ट होती जाएगी। किसी भी प्रकार का आर्थिक आयोजन करने के लिए आज का दिन शुभ रहेगा परन्तु धन की आमद सुनिश्चित नहीं रहने से बीच-बीच में व्यवधान भी आएंगे फिर भी इनसे पार पाकर सफल रहेंगे। पारिवारिक वातावरण आरम्भ में मनम���टाव वाला रहेगा बाद में आपसी भावनाओ की समझ होने लगेगी।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आपको आज के दिन भी थोड़ा सावधानी बरतने की सलाह है चंद्र आपकी राशि से चौथे होने पर किसी गलती के कारण मन में संताप रहेगा। हानि के चलते कार्यो से मजबूरन जी चुरायेंगे। सरकारी कार्य लंबित रहने से समय एवं धन व्यर्थ खर्च ��ोंगे। परिवार अथवा कार्य क्षेत्र पर किसी महिला के कारण अशांति फ़ैल सकती है। धर्म के प्रति निष्ठा होने पर भी भजन पूजन में मन नहीं लगा पाएंगे। संध्या के आसपास का समय थोड़ा राहत भरा रहेगा परन्तु थकान भी रहेगी।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज दिन के पहले भाग में सभी कार्य निर्विघ्न पूर्ण होंगे। स्वास्थ्य उत्तम् रहेगा।सामाजिक क्षेत्र से मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। धन लाभ होने से आर्थिक रूप से अधिक सक्षम बनेंगे। आयवश्यक कार्य मध्यान से पहले पूर्ण करने का प्रयास करें। इसके बाद सभी कार्यो में व्यवधान आने लगेंगे। जहाँ से लाभ की संभावना है वहां से निराशा मिलेगी। फिर भी मानसिक रूप से विचलित नहीं होंगे। परिजनों का स्नेह एवं सहयोग मिलता रहेगा। घर के बुजुर्ग की सेहत ख़राब होने के कारण थोड़ी असहजता बनेगी। सन्तानो के विषय में शुभ समाचार मिलेंगे।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन सभी कार्यो को आप जी जान से करेंगे परन्तु फिर भी सफलता मिलने में संदेह रहेगा। सरकारी कार्य भी नियमो की पूर्ति ना होने के कारण अधूरे रहेंगे। मध्यान के बाद व्यावसायिक एवं घरेलु कार्यो के कारण दौड़-धूप करनी पड़ेगी। सेहत में उतार-चढ़ाव आने से शरीर में शिथिलता आएगी। गुप्त शत्रु से सावधान रहें। लोग मीठा व्यवहार करके अपना काम निकालेंगे। बाहर के लोगो के प्रति आज अधिक उदारता दिखाएँगे परन्तु घर में इसके विपरीत व्यवहार रहने से क्लेश होने की संभावना है। आर्थिक लेन-देन सोच समझ कर करें। आहा�� संतुलित लें।
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〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏
🦚🌈[ श्री भक्ति ग्रुप मंदिर ]🦚🌈
🙏🌹🙏जय मां जगदम्बे🙏🌹🙏
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vilaspatelvlogs · 4 years ago
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Holi 2021: इस शुभ मुहूर्त में करें अपनी राशि के अनुसार होलिका दहन पूजन, मिलेगा लाभ
Holi 2021: इस शुभ मुहूर्त में करें अपनी राशि के अनुसार होलिका दहन पूजन, मिलेगा लाभ
धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रुस्तम राणा Updated Thu, 18 Mar 2021 07:50 AM IST इस साल होलिका दहन 28 मार्च को किया जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रति वर्ष होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में किया जाने का विधान है। होलिका दहन अच्छाई पर बुराई की जीत का प्रतीक पर्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलिका दहन में अपनी राशि के अनुसार कुछ विशेष उपाय करने से जातकों को…
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ragbuveer · 1 year ago
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (द्वितीया तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#bageshwardhamsarkardivyadarbar
#kedarnath
#badrinath
#JaiShriRam
#yogi
#jodhpur
#udaipur
#RSS
#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दीपोत्सव के पांचवेे और अंतिम दिवस अर्थात् भाई बहन के अटूट प्रेम तथा विश्वास के पर्व भाईदूज के शुभ अवसर पर बहने अपने भाई की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती है अतः आज हम भी संकल्प करें कि दुनियां की प्रत्येक बहन की रक्षा, सहयोग और सेवा के लिए सदैव ततपर रहेंगे।
*भाईदूज, यम द्वितीया एवं चित्रगुप्त पूजा की आपको और आपके परिवार को अनन्त कोटिशः शुभकामनाएँ 🎉🎁*
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-15-नवम्बर-2023
वार:--------बुधवार
तिथी :------02द्बितीया:-13:48
पक्ष:-------शुक्लपक्ष
माह:------कार्तिक
नक्षत्र:-----ज्येष्ठा:-27:01
योग:-------अतिगंड:-12:08
करण:-------कोलव:-13:47
चन्द्रमा:-----वृश्चिक27:01/धनु
सुर्योदय:-----07:00
सुर्यास्त:------17:44
दिशा शूल------ उत्तर
निवारण उपाय:----धनिया का सेवन
ऋतु :------------हेमन्त ऋतु
गुलीक काल:---10:54से 12:16
राहू काल:-------12:16से13:39
अभीजित------- नहीं है
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:--------पिंगल
🌞चोघङिया दिन🌞
लाभ:-07:00से08:22तक
अमृत:-08:22से09:44तक
शुभ:-11:06से12:28तक
चंचल:-14:59से 16:22तक
लाभ:-16:22से 17:44तक
🌓चोघङिया रात🌗
शुभ:-19:22से21:00तक
अमृत :-21:00से22:38तक
चंचल :-22:38से00:16तक
लाभ :-03:32से05:10तक
����आज के विशेष योग 🙏
वर्ष का238वाँ दिन, भाईदूज, यम द्वितीया, विश्वकर्मा पूजा, चित्रगुप्त पूजा, भरत द्वितीया, दग्धयोग 13:47 से 30:57, यमघटयोग 27:01 से 30:57तक, रवियोग 27:01 से, बिछुडो 27:01तक, कलम दवात पूजा (बिहार),
👉वास्तु टिप्स👈
यम द्वितीया के दिन भाई बहन यमुना नदी में स्नान जरुर करे।
🕉 *तिथी/पर्व/व्रत विशेष :-*
👫 *भाई दूज : चित्रगुप्त जयंती : यम द्वितीया -*
भ्रातृ द्वितीया (भाई दूज) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला हिन्दू धर्म का पर्व है जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं।
भाई दूज दीपावली के दो दिन बाद आने वाला ऐसा पर्व है, जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती हैं।
कार्तिक शुक्ल द्वितीया को पूर्व काल में यमुना ने यमराज को अपने घर पर सत्कारपूर्वक भोजन कराया था। उस दिन नारकी जीवों को यातना से छुटकारा मिला और उन्हें तृप्त किया गया। वे पाप-मुक्त होकर सब बंधनों से छुटकारा पा गये और सब के सब यहां अपनी इच्छा के अनुसार संतोष पूर्वक रहे। उन सब ने मिलकर एक महान् उत्सव मनाया जो यमलोक के राज्य को सुख पहुंचाने वाला था। इसीलिए यह तिथि तीनों लोकों में यम द्वितीया के नाम से विख्यात हुई। जिस तिथि को यमुना ने यम को अपने घर भोजन कराया था, उस तिथि के दिन जो मनुष्य अपनी बहन के हाथ का उत्तम भोजन करता है उसे उत्तम भोजन समेत धन की प्राप्ति भी होती रहती है।
कायस्थ समाज में इसी दिन अपने आराध्य देव चित्रगुप्त की पूजा की जाती है। कायस्थ लोग स्वर्ग में धर्मराज का लेखा-जोखा रखने वाले चित्रगुप्त का पूजन सामूहिक रूप से तस्वीरों अथवा मूर्तियों के माध्यम से करते हैं। वे इस दिन कारोबारी बहीखातों की पूजा भी करते हैं।
*सुविचार*
अक्ल और गलती पर कभी भरोसा मत करना क्योंकि अपनी अक्ल और दूसरों की गलती
हमेशा ज्यादा ही दिखती हैं।
👍🏻राधे राधे...
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
चेहरे की त्वचा पर नारियल के तेल के लाभ
त्वचा को साफ करने में मदद करे नारियल तेल -
नारियल तेल आपकी त्वचा लिए चिंता का कारण बन सकती है, लेकिन आपको तनाव लेने की जरूरत नहीं है। आप त्वचा के लिए नारियल के तेल का चयन कर सकते हैं। एंटी-बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों से भरपूर नारियल का तेल आपके चेहरे को साफ़ करने और स्वस्थ त्वचा देने में मदद कर सकता है।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। विवाद से क्लेश होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बेचैनी रहेगी। कुसंगति से हानि होगी। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। शत्रुभय बना रहेगा। व्यवसाय धीमा चलेगा। समय ठीक नहीं है। कोई भी बड़ा निर्णय सोच-समझकर लें। धैर्य रखें।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। धन प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। प्रेम-प्रसंग में सफलता प्राप्त होगी। घर में कोई मांगलिक कार्य हो सकता है। चारों तरफ प्रसन्नता का माहौल बनेगा। शत्रुभय रहेगा। चोट व रोग से बचें। उत्साहवर्धक समाचार मिलेंगे।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
वाणी पर नियंत्रण रखें। घर-परिवार की चिंता रहेगी। शत्रुभय रहेगा। भूमि व भवन की खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। आय में वृद्धि होगी। फालतू खर्च होगा। प्रतिद्वंद्वी शांत रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता अर्जित करेगा। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। लेन-देन में सावधानी रखें। चोट व रोग से बचें। घर में तनाव रह सकता है। चिंता रहेगी। पार्टी व पिकनिक का आनंद प्राप्त होगा। दुष्टजनों से दूर रहें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में वृद्धि होगी।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
विवेक का प्रयोग स्थिति अनुकूल करने में सहायक रहेगा। दु:खद समाचार मिल सकता है। भागदौड़ रहेगी। किसी के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। अपना पक्ष कमजोर महसूस करेंगे। पुराना रोग उभर सकता है। स्वास्थ्य पर खर्च होगा। समय ठीक नहीं है।
👩🏻 *राशि फलादेश कन्या :-*
प्रयास सफल रहेंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश करने का साहस जुटा पाएंगे। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
व्यावसायिक यात्रा की योजना बनेगी। भूले-बिसरे साथी एवं संबंधियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। भय रहेगा। विरोध होगा। अपने काम समय पर कर पाएंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम न लें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। व्यवसाय ठीक चलेगा। नया कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। बेचैनी रह सकती है। थकान महसूस होगी। बुद्धि का प्रयोग करें।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
भय, पीड़ा व तनाव का वातावरण बन सकता है। कुसंगति से हानि होगी। व्ययवृद्धि होगी। कर्ज लेना पड़ सकता है। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। भाग्य का साथ नहीं मिलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें। अपरिचितों पर अतिविश्वास हानि देगा।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
थकान महसूस होगी। कार्यभार रहेगा। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। नए कार्य करने का मन बनेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। जल्दबाजी न करें। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
मानसिक बेचैनी रहेगी। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। कार्यसिद्धि होगी, वो काम जो लंबे समय से न हो रहा हो। प्रसन्नता रहेगी। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। व्यवसाय अनुकूल चलेगा। मित्र व संबंधियों के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा।
🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
नए मित्र बनेंगे जिनका लाभ हमेशा प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक हो सकती है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। सरकारी कार्यालयों में रुके कार्यों में पूर्णता आएगी। लाभ में वृद्धि होगी। कारोबारी स्पर्धा बढ़ेगी। समझदारी से कार्य करें। लाभ होगा। चोट व रोग से बचें। भाग्य का साथ मिलता रहेगा।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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astrovastukosh · 7 months ago
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Aaj Ka Rashifal 16 May 2024: आज मिलने वाला है इन राशि के लोगों को शुभ समाचार
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Aaj Ka Rashifal 16 May 2024: गुरुवार के दिन विष्णु जी की आराधना करने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विष्णु जी के पूजन से जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और पैसों से जुड़ी प्रॉब्लम भी दूर होती हैं। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, 16 मई का दिन कुछ राशि वालों के लिए बेहद शुभ रहना वाला है, तो कुछ राशि वालों को जीवन में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। जानें कैसा रहेगा आपका दिन |
मेष राशि- दुःख की लहरें आती हैं और चली जाती हैं। मेष राशि, कभी-कभी असंतोष महसूस करना नॉर्मल है। यह आपको समझने में मदद करेगा कि आप किन टॉक्सिक चीजों से ब���हर निकल चुके हैं और अब आपको इनकी कोई आवश्यकता या इच्छा नहीं है। यह कुछ नया करने का समय है। एक नई यात्रा आपका इंतजार कर रही है और यह मुश्किल दौर आपको उसकी ओर ले जाएगा। ज्यादा टेंशन न लें और जीवन को अपनी दिशा में चलने दें। अपन�� ऊपर ज्यादा दबाव न डालें। भरोसा रखें कि सब कुछ समय के हिसाब से काम करेगा। गुड न्यूज भी मिल सकती है
वृषभ राशि- कुछ लोगों को कमाई बढ़ाने के नए रास्ते मिलेंगे। कार्यस्थल पर आपने जो सोच रखा है उसे हासिल करने से आपको कोई नहीं रोक सकता। किसी मेहमान के घर में आने से काफी उत्साह भरने की संभावना है। सुस्ती के कारण आपकी फिटनेस दिनचर्या प्रभावित हो सकती है। कुछ लोगों के लिए शहर से बाहर की यात्रा का आनंद लेना संभव है। प्रेम जीवन में दिन रोमांटिक साबित हो सकता है। सेहत को लेकर बेवजह चिंता करने की सलाह नहीं दी जाती है।
मिथुन राशि- यह आपके जीवन में खुशी का समय है। यह जश्न मनाने और भविष्य के बारे में अच्छा महसूस करने का क्षण है। आपके पास कई बेहतरीन अवसर आने वाले हैं। आपके पास क्या था या क्या खो गया, इस पर विचार करने के बजाय, आपने जो कुछ हासिल किया है उस पर विचार करें। सकारात्मक बदलावों और आगे की उज्ज्वल संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित करें। आखिरकार आप पेशेवर मोर्चे पर महारत हासिल करने में सक्षम होंगे।
कर्क राशि- आप दुनिया को दूसरों से अलग रूप में देखते हैं। आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब आप कोई दरवाजा खुलता हुआ देखें तो मौके को हाथ से न जाने दें। आप दूसरों को अपनी खुशी में इनवॉल्व करना चाहेंगे, लेकिन हो सकता है कि वे तैयार न हों। अपना समय लें लेकिन यह ध्यान रखें कि आपको अपनी यात्रा अकेले ही पूरी करनी होगी। किसी मुद्दे पर चिंता आपको परेशान कर सकती है, लेकिन लंबे समय तक नहीं। वित्तीय मोर्चे पर स्थिरता कुछ लोगों के लिए राहत बनकर आएगी।
सिंह राशि- आपको सारी जिम्मेदारियां अकेले लेने की जरूरत नहीं है। यह मानना ​​कि आपके पास दूसरा कोई ऑप्शन नहीं है, यह आपके लिए सही नहीं है। आपको अनुभव और उन सभी चीजों का आनंद लेने की सलाह दी जाती है, जो जीवन आपको दे सकता है, जिसमें दोस्ती, मौज-मस्ती और परिवार के साथ अच्छा समय शामिल है। जब आप ज्यादा प्रेशर महसूस करें तो मदद मांगने में संकोच न करें। आप पाएंगे कि काम का बोझ शेयर करने से अनुभव मधुर हो सकता है।
कन्या राशि- आज अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। अपनी क्षमता के अनुसार काम करने से इनाम मिलता है, जो आपको प्रमोशन और तारीफ के रूप में मिल सकता है। आपने जो कमाया है उसका पूरा लाभ उठाएं। यह तो बस आपकी यात्रा की शुरुआत है। संपत्ति का कोई मसला सही ढंग से सुलझने की संभावना है। स्टूडेंट्स के लिए शिक्षा के मामलें में अतिरिक्त प्र��ास करने का समय है। दोस्तों के साथ बाहर जाने से आपका ध्यान कुछ जरूरी मामलों से हट जाएगा।
तुला राशि- रिश्ते कभी-कभी कष्टदायक हो सकते हैं। खुद को यह सोचकर मूर्ख मत बनाइए कि रिलेशन से सिर्फ खुशियां ही मिलेंगी। सुख-दुख जीवन का हिस्सा है। आपको आनंद और मुश्किलों को अकसेप्ट करना चाहिए। आनंद में जश्न मनाएं और मुश्किलों का सोल्यूशन निकालने पर फोकस करें। सपनों को साकार करने में पैसा कोई दिक्कत नहीं लाएगा। आज आपकी स्किल्स की जरूरत होगी और कार्यस्थल पर आपकी प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। संपत्ति का कोई मामला आपके पक्ष में सुलझने की संभावना है।
वृश्चिक राशि- कार्यस्थल पर आपका सामना किसी ऐसे व्यक्ति से हो सकता है, जो थोड़ा दबंग है। आप उन्हें खुश करने की पूरी कोशिश कर सकते हैं, लेकिन अगर किसी ने तय कर लिया है कि वे संतुष्ट नहीं होंगे, तो आप उनका मन बदलने के लिए बहुत कुछ नहीं कर सकते। कभी-कभी आपको लोगों को उनकी इच्छाओं के अनुसार चलने देना चाहिए और उन्हें खुश करने की कोशिश में खुद पर तनाव नहीं डालना चाहिए। स्वास्थ्य को लेकर चिंता हो सकती है, लेकिन कोई गंभीर बात नहीं होगी।
धनु राशि- आज का धनु राशि वालों का दिन काफी दिलचस्प रहने वाला है। आपकी लॉटरी लग सकती है, या आपकी कोई डील प्रॉफिट दिला सकती है। मेंटल हेल्थ पर ध्यान दें। आपके द्वारा शुरू किया गया व्यवसाय एक ठोस शुरुआत हो सकता है, या आपको अपने जीवन में किसी से एक अच्छा सरप्राइज मिल सकता है। धन आपके पास कहीं से भी आ सकता है, लेकिन याद रखें कि पैसों को सही तरीके से मैनेज करना जरूरी है। आपको अपना बैंक बैलेंस बढ़ाने के नए तरीके मिलेंगे।
मकर राशि- अपने नियमित व्यायाम से ब्रेक लेने से आपको लाभ होगा। यदि आपने व्यवसाय में पैसा खो दिया है, तो आप इसे फिर से करने के लिए तैयार हैं। सफलतापूर्वक पूरा हुआ कोई प्रोजेक्ट आपको प्रतिष्ठा के पद पर पहुंचा देगा। हो सकता है किसी मुद्दे पर परिवार आपके साथ न हो। कुछ स्टूडेंट्स के लिए पढ़ाई के मामले में सुधार होने की संभावना है। जिसे आप प्यार करते हैं उसे प्रभावित करने के आपके प्रयास आपको रोमांटिक शाम बिताने का मौका दे सकते हैं।
कुंभ राशि- यह एक खूबसूरत दिन है। जीवन में चाहे कुछ भी हो, चीजें आपके लिए अनुकूल रहेंगी। आपके पास कोई अच्छी डील आने वाली है। जब आपके मन में कोई दुखद क्षण या विचार आए, तो भविष्य पर ध्यान केंद्रित करें। सकारात्मकता को अपनाएं और इसे किसी भी चुनौती से निपटने में आपका मार्गदर्शन करने दें। कुछ लोग आज काम के सिलसिले में यात्रा कर सकते हैं और उसका आनंद भी उठा सकते हैं। रोमांटिक रिश्ते के फलने-फूलने और आपको आनंद की स्थिति में रखने की संभावना है!
मीन राशि- आपको किसी भी काम का ज्यादा प्रेशर लेने की जरूरत नहीं है। आज आपको बीच का रास्ता अपनाने की सलह दी जाती है। संतुलन बनाना जरूरी है। जिस व्यक्ति से आप प्यार करते हैं उसे यह बताने के लिए बहुत साहस की आवश्यकता होती है कि आपके रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं। किसी को उधार दिया हुआ पैसा वापस मिलने की उम्मीद कर सकते हैं। व्यावसायिक संबंधों को मजबूत करने के लिए यह एक अच्छा दिन है। पारिवारिक विवाद को सुलझाने का आपका प्रयास सफल होने की संभावना है।
Akshay Jamdagni: Expert in Astrology, Vastu, Numerology, Horoscope Reading, Education, Business, Health, Festivals, and Puja, provide you with the best solutions and suggestions for your life’s betterment. 9837376839
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abhay121996-blog · 4 years ago
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Maha Shivratri 2021: शिवरात्रि को बन रहा कल्याणकारी शिव योग …कई दोषों से मिलेगी मुक्ति Divya Sandesh
#Divyasandesh
Maha Shivratri 2021: शिवरात्रि को बन रहा कल्याणकारी शिव योग …कई दोषों से मिलेगी मुक्ति
11 मार्च महाशिवरात्रि पर बन रहा कल्याणकारी शिव योग
हिंदू पंचांग के अनुसार शिवरात्रि के दिन बेहद खास माना जाता है। इस दिन भक्त भोलेनाथ की पूजा और व्रत करते हैं। हर साल यह पर्व फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल महाशिवरात्रि पर्व 11 मार्च को है। इस बार महाशिवरात्रि पर शिव योग के साथ घनिष्ठा नक्षत्र होगा और चंद्रमा मकर राशि में विराजमान रहेंगे। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि इस दिन सुबह 09 बजकर 22 मिनट तक महान कल्याणकारी ‘शिवयोग’ भी विद्यामान रहेगा। उसके बाद सभी कार्यों में सिद्धि दिलाने वाला ‘सिद्धयोग’ आरम्भ हो जाएगा। शिव योग को स्वयं भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त है कि जो तुम्हारे उपस्थित रहने पर कोई भी धर्म-कर्म मांगलिक अनुष्ठान आदि कार्य करेगा वह संकल्पित कार्य कभी भी बाधित नहीं होगा उसका कार्य का सुपरिणाम कभी निष्फल नहीं रहेगा इसीलिए इस योग के किये गए शुभकर्मों का फल अक्षुण रहता है। सिद्ध योग में भी सभी आरम्भ करके कार्यसिद्धि प्राप्त की जा सकती है। इन योगों के विद्यमान रहने पर रुद्राभिषेक करना, शिव नाम कीर्तन करना, शिवपुराण का पाठ करना अथवा शिव कथा सुनना, दान पुण्य करना तथा ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करना अतिशुभ माना गया है।
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 11 मार्च को दोपहर 2 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 12 मार्च को दोपहर 3 बजे बजकर कर 2 मिनट तक रहेगी। महाशिवरात्रि पर्व में रात्रि की प्रधानता रहती है। इस कारण 11 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व मनाना शास्त्र सम्मत होगा। महाशिवरात्रि का निशीथ काल 11 मार्च को रात 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। यह पावन पर्व देवों के देव महादेव भोलेनाथ को समर्पित है। इस दिन शिव भक्त महादेव का आशीर्वाद पाने के लिए कई उपाय करते हैं।
शिवपुराण के अनुसार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि कहा जाता है। दरअसल महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन की रात का पर्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवरात्रि की रात आध्यात्मिक ��क्तियां जागृत होती हैं। विख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन ज्योतिष उपाय करने से आपकी सभी परेशानियां खत्म हो सकती हैं। महाशिवरात्रि के दिन शुभ काल के दौरान ही महादेव और पार्वती की पूजा की जानी चाहिए तभी इसका फल मिलता है। इस दिन का प्रत्येक घड़ी-पहर परम शुभ रहता है। कुवांरी कन्याओं को इस दिन व्रत करने से मनोनुकूल पति की प्राप्ति होती है और विवाहित स्त्रियों का वैधव्य दोष भी नष्ट हो जाता है। महाशिवरात्रि में शिवलिंग की पूजा करने से जन्मकुंडली के नवग्रह दोष तो शांत होते हैं विशेष करके चंद्र्जनित दोष जैसे मानसिक अशान्ति, माँ के सुख और स्वास्थ्य में कमी, मित्रों से संबंध, मकान-वाहन के सुख में विलम्ब, हृदयरोग, नेत्र विकार, चर्म-कुष्ट रोग, नजला-जुकाम, स्वांस रोग, कफ-निमोनिया संबंधी रोगों से मुक्ति मिलती है और समाज में मान प्रतिष्ठा बढती है। शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से व्यापार में उन्नति और सामाजिक प्रतिष्ठा बढती है। विश्वविख्यात कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि भांग अर्पण से घर की अशांति, प्रेत बाधा तथा चिंता दूर होती है। मंदार पुष्प से नेत्र और ह्रदय विकार दूर रहते हैं। शिवलिंग पर धतूर के पुष्प-फल चढ़ाने से दवाओं के रिएक्शन तथा विषैले जीवों से खतरा समाप्त हो जाता है। शमीपत्र चढ़ाने से शनि की शाढ़ेसाती, मारकेश तथा अशुभ ग्रह-गोचर से हानि नहीं होती। इसलिए श्रीमहाशिवरात्रि के एक-एक क्षण का सदुपयोग करें और शिवकृपा प्रसाद से त्रिबिध तापों से मुक्ति पायें।
शिव पूजा का महत्व भगवान शिव की पूजा करते समय बिल्वपत्र, शहद, दूध, दही, शक्कर और गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर होकर उसकी इच्छाएं पूरी होती हैं।
शिवरात्रि का पौराणिक महत्व पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी पावन रात्रि को भगवान शिव ने संरक्षण और विनाश का सृजन किया था। मान्यता यह भी है कि इसी पावन दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का शुभ विवाह संपन्न हुआ था।
महाशिवरात्रि पूजा विधि शिवपुराण के अनुसार व्रती को प्रातः काल उठकर स्नान संध्या कर्म से निवृत्त होने पर मस्तक पर भस्म का तिलक और गले में रुद्राक्षमाला धारण कर शिवालय में जाकर शिवलिंग का विधिपूर्वक पूजन एवं शिव को नमस्कार करना चाहिए। तत्पश्चात उसे श्रद्धापूर्वक व्रत का इस प्रकार संकल्प करना चाहिए।
मनोकामना के लिए विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन मनुष्य को अपनी मनोकामना के अनुसार शिव की पूजा करनी चाहिए। जो व्यक्ति सांसारिक मोह माया से मुक्त होना चाहते हैं और शिवजी के चरणों में स्थान पाने की कामना रखते हैं। ऐसे जातकों को महाशिवरात्रि के दिन गंगाजल और दूध से ��गवान शिव का अभिषेक करना चाहिए और रात्रि जागरण में शिव पुराण का पाठ करना या सुनना चाहिए।
आर्थिक समस्याओं के लिए जो व्यक्ति काफी समय से वाहन खरीदने के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कामयाबी नहीं मिल रही है। तो महाशिवरात्रि के दिन दही से भगवान शिव का अभिषेक करें। आर्थिक समस्याओं के कारण जो लोग परेशान और चिंतित रहते हैं उनके लिए महाशिवरात्रि पर शिव जी की पूजा का खास विधान है। ऐसे लोगों को शहद और घी से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। प्रसाद के तौर पर भोलेनाथ को गन्ना अर्पित करें।
अच्छी सेहत के लिए जो व्यक्ति अक्सर बीमार रहते हैं या जिनके स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव बना रहता है उन्हे महाशिवरात्रि के मौके का लाभ उठाना चाहिए। विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि शास्त्रों में कहा गया है कि भोलेनाथ कालों के भी काल हैं जिनके सामने यम भी हाथ जोड़े खड़े रहते हैं। इसलिए महाशिवरात्रि के दिन बेहतर स्वास्थ्य की इच्छा रखने वालों को जल में दुर्वा मिलाकर शिव जी को अर्पित करना चाहिए। जितना अधिक संभव हो महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
संतान प्राप्ति के लिए जो दंपत्ति योग्य संतान की अभिलाषा रखते हैं उन्हें महाशिवरात्रि के दिन दूध से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। शिव के साथ ही मां पार्वती और गणेश एवं कार्तिक की पूजा भी संतान सुख के योग मजबूत बनाता है।
नवग्रह दोष के लिए पंडित मदनमोहन शर्मा ने बताया कि जिन लोगो की कुंडली में नवग्रह दोष है। वो दोष भी शांत हो जाता है। नवग्रह दोष होने पर जीवन कष्टों से भर जाता है और मानसिक अशान्ति बनीं रहती है। ऐसे में जो लोग भी इस दोष से ग्रस्त हैं वो महाशिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक कर दें।
पति की आयु के लिए इस दिन शिव की पूजा करने से विवाहित स्त्रियों का वैधव्य दोष भी नष्ट हो जाता है और पति की आयु बढ़ जाती है। सुहागिन महिलाएं इस दिन माँ पा��्वती की पूजा शिव जी के साथ करें। उसके बाद मां का श्रृंगार करें। मां को पूरा श्रृंगार का सामान चढ़ाया। उसके बाद पंचामृतए दूध दही घी शहद और शक्कर से भोले नाथ का स्नान करेँ।
सच्चा जीवन साथी के लिए पंडित मदनमोहन शर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि का दिन कुवांरी कन्याओं के लिए शुभ माना जाता है और इस दिन व्रत करने से सच्चा जीवन साथी मिलता है। कुवांरी कन्या सुबह के समय मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल जरूर अर्पित करें व गौरी मां की पूजा करें। मान्यता है कि ऐसा करने से एक साल के अंदर ही विवाह हो जाएगा और सच्चा जीवन साथी मिल जाएगा।
महाशिवरात्रि पूजा का शुभ मुहू्र्त महाशिवरात्रि तिथि: – 11 मार्च 2021 महाशिवरात्रि निशिता काल: 11 मार्च (रात 12:06 से लेकर 12:55 तक) अवधि: 48 मिनट महाशिवरात्रि प्रथम प्रहर: 11 मार्च (शाम 06:27 से लेकर 09:29 तक) महाशिवरात्रि द्वितिय प्रहर: 11 मार्च (रात 09:29 से लेकर 12:31 तक) महाशिवरात्रि तृतीय प्रहर: 11 मार्च (रात 12:31 से लेकर 03:32 तक) महाशिवरात्रि चतुर्थ प्रहर: 12 मार्च (सुबह 03:32 से लेकर 06:34 तक) महाशिवरात्रि पारण समय: 12 मार्च (सुबह 06:34 से लेकर शाम 03:02 तक)
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बता रहे है राशि अनुसार करें महाशिवरात्रि के दिन इन मंत्रों का जाप मेष- ॐ विश्वरूपाय नम: का जाप करें। वृषभ- ॐ उपेन्द्र नम: का जाप करें। मिथुन- ॐ अनंताय नम: का जाप करें। कर्क-ॐ दयानिधि नम: का जाप करें। सिंह- ॐ ज्योतिरादित्याय नम: का जाप करें। कन्या- ॐ अनिरुद्धाय नम: का जाप करें। तुला-ॐ हिरण्यगर्भाय नम: का जाप करें। वृश्चिक- ॐ अच्युताय नम: का जाप करें। धनु- ॐ जगतगुरवे नम: का जाप करें। मकर- ॐ अजयाय नम: का जाप करें। कुंभ-ॐ अनादिय नम: का जाप करें। मीन- ॐ जगन्नाथाय नम: का जाप करें।
अनीष व्यास विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर
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shaileshg · 4 years ago
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शनिवार, 14 नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी। इस बार ये पर्व शनिवार को आने से तंत्र पूजा के लिए खास रहेगा। इस दीपावली पर गुरु ग्रह अपनी राशि धनु में और शनि अपनी राशि मकर में रहेगा। शुक्र ग्रह कन्या राशि में नीच का रहेगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, दीपावली पर इन तीन बड़े ग्रहों का ये दुर्लभ योग 499 साल बाद बन रहा है।
2020 से पहले 1521 में गुरु, शुक्र और शनि का ये योग बना था। उस समय 9 नवंबर को दीपावली मनाई गई थी। गुरु और शनि व्यक्ति की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने वाले कारक ग्रह माने जाते हैं। ये दो ग्रह दीपावली पर अपनी राशि में होने से धन संबंधी कामों में कोई बड़ी उपलब्धि मिलने का समय रहेगा।
14 को रहेगी चतुर्दशी और अमावस्या तिथि
14 नवंबर को चतुर्दशी तिथि दोपहर 1.16 बजे तक रहेगी। उसके बाद से अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी। दीपावली पर लक्ष्मी पूजा खासतौर पर संध्या काल और रात में ही की जाती है। 15 नवंबर को अमावस्या तिथि सुबह 10.16 तक ही रहेगी। इसीलिए दीपावली 14 नवंबर को मनाया जाना श्रेष्ठ है। 15 तारीख को केवल स्नान-दान की अमावस्या मनाई जाएगी।
दीपावली पर श्रीयंत्र की पूजा करने की परंपरा
दीपावली पर देवी लक्ष्मी के साथ ही श्रीयंत्र की भी पूजा करने की परंपरा है। इस बार गुरु धनु राशि में रहेगा। ऐसी स्थिति में श्रीयंत्र का पूरी रात कच्चे दूध से अभिषेक करना बहुत शुभ रहेगा।
शनि अपनी राशि मकर में रहेगा, शनिवार और अमावस्या का योग भी रहेगा। इस योग में दीपावली पर तंत्र-यंत्र पूजा करने का शुभ योग रहेगा।
दीपावली पर करें ये शुभ काम
दीपावली पर हनुमानजी, यमराज, चित्रगुप्त, कुबेर, भैरव, कुलदेवता और पितरों का पूजन जरूर करना चाहिए।
लक्ष्मीजी के साथ भगवान विष्णु का भी पूजन करना बहुत शुभ रहता है।
पूजन में श्री सूक्त का पाठ करना चाहिए।
चाहें तो विष्णुसहस्रनाम, गोपाल सहस्रनाम का पाठ भी कर सकते हैं।
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दीपावली 14 नवंबर को मनाया जाना श्रेष्ठ है। 15 तारीख को केवल स्नान-दान की अमावस्या मनाई जाएगी।
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kisansatta · 5 years ago
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Shani Jayanti 2020: जानिए शनि जयंती पर कैसे करें पूजा
शनि जयंती 22 मई को है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, शनि जयंती प्रति वर्ष ज्येष्ठ माह की अमावस्या को मनाई जाती है। शनि जयंती हिंदू पंचांग के ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाई जाती है। इस दिन शनिदेव की पूजा की जाती है। विशेषकर शनि की साढ़े साती, शनि की ढ़ैय्या आदि शनि दोष से पीड़ित जातकों के लिये इस दिन का महत्व बहुत अधिक माना जाता है। शनि राशिचक्र की दसवीं व ग्यारहवी राशि मकर और कुंभ के अधिपति हैं। एक राशि में शनि लगभग 18 महीने तक रहते हैं। शनि का महादशा का काल भी 19 साल का होता है।धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से शनि का महत्वपूर्ण स्थान है। आस्था के दृष्टि से देखें तो शनि को देवता की संज्ञा दी गई है और ज्योतिष में इसे एक क्रूर ग्रह माना गया है।
शनिदेव को भगवान सूर्य और उनकी पत्‍नी छाया की संतान माना जाता है। वैसे तो 9 ग्रहों के परिवार में इन्‍हें सबसे क्रूर ग्रह माना जाता है। लेकिन असल में शनि न्‍याय और कर्मों के देवता हैं। यदि आप किसी के साथ धोखाधड़ी नहीं करते और किसी पर कोई जुल्म या अत्याचार नहीं करते यानी किसी भी बुरे काम में नहीं हैं तो आपको शनि से घबराने की आवश्‍यकता नहीं है। शनिदेव भले मानुषों का कभी बुरा नहीं करते।शनि जिन्हें कर्मफलदाता माना जाता है। दंडाधिकारी कहा जाता है, न्यायप्रिय माना जाता है। जो अपनी दृष्टि से राजा को भी रंक बना सकते हैं। हिंदू धर्म में शनि देवता भी हैं और नवग्रहों में प्रमुख ग्रह भी जिन्हें ज्योतिषशास्त्र में बहुत अधिक महत्व मिला है। शनिदेव को सूर्य का पुत्र माना जाता है। मान्यता है कि ज्येष्ठ माह की अमावस्या को ही सूर्यदेव एवं छाया (संवर्णा) की संतान के रूप में शनि का जन्म हुआ। आइए जानते हैं शनि जयंती का मुहूर्त और इसके जन्म से जुड़ी महत्वपूर्ण कथा।
शनि जयंती 2020 मुहूर्त-
अमावस्या तिथि आरंभ – 21:35 बजे (21 मई 2020) अमावस्या तिथि समाप्त – 23:07 बजे (22 मई 2020) 
शनि ग्रह के जन्म से जुड़ी कथा-
शनि और सूर्य देव के बीच कट्टर शत्रुता है। जबकि इन दोनों के बीच पिता-पुत्र का संबंध है। सूर्य देव शनि के पिता हैं। सवाल ये है कि पिता-पुत्र का संबंध होने के बावजूद इन दोनों के बीच इतनी गहरी दुश्मनी क्यों है। इसका जवाब हमें पौराणिक कथाओं में मिलता है। कथा कुछ इस प्रकार है-कहते हैं सूर्य देव का विवाह संज्ञा के साथ हुआ था। लेकिन सूर्यदेव का तेज इतना था कि संज्ञा उनके इस तेज को सहन नहीं कर पाती थीं।
समय बीतता गया और धीरे-धीरे संज्ञा सूर्य देव के विशाल तेज को सहन करती गईं। दोनों की वैवस्त मनु, यम और यमी नामक संतानें भी हुईं। लेकिन अब संज्ञा के लिए सूर्य देव का तेज सहना मुश्किल होने लगा। ऐसे में उन्हें एक उपाय सूझा। उपाय था कि संज्ञा अपनी परछाई छाया को सूर्यदेव के पास छोड़ कर चली जाए। संज्ञा ने ऐसा ही किया। इस दौरान सूर्यदेव को भी छाया पर जरा भी संदेह नहीं हुआ। दोनों खुशी-खुशी जीवन व्यतीत करने लगे। दोनों से सावर्ण्य मनु, तपती, भद्रा एवं शनि का जन्म हुआ।
उधर जब शनि छाया के गर्भ में थे तो छाया तपस्यारत रहती थीं और व्रत उपवास भी खूब किया करती थीं। कहते हैं कि उनके अत्यधिक व्रत उपवास करने से शनिदेव का रंग काला हो गया। जब शनि का जन्म हुआ तो सूर्य देव अपनी इस संता��� को देखकर हैरान हो गए। उन्होंने शनि के काले रंग को देखकर उसे अपनाने से इंकार क�� दिया और छाया पर आरोप लगाया कि यह उनका पुत्र नहीं हो सकता, लाख समझाने पर भी सूर्यदेव नहीं माने। स्वयं और अपनी माता के अपमान के कारण शनि देव सूर्य देव से शत्रु का भाव रखने लगे। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जब किसी व्यक्ति कीकुंडली में शनि और सूर्य एक ही भाव में बैठे हों तो उस व्यक्ति के अपने पिता या अपने पुत्र से कटु संबंध रहेंगे। शनि देव भगवान शिव के भक्त हैं। उन्हें न्याय का देवता कहा जाता है।
शनि पूजा की विधि-
शनिदेव की पूजा करने के लिये कुछ अलग नहीं करना होता। इनकी पूजा भी अन्य देवी-देवताओं की तरह ही होती है। शनि जयंती के दिन उपवास भी रखा जाता है। व्रती को प्रात:काल उठने के पश्चात नित्यकर्म से निबटने के पश्चात स्नानादि से स्वच्छ होना चाहिये। इसके पश्चात लकड़ी के एक पाट पर साफ-सुथरे काले रंग के कपड़े को बिछाना चाहिये। कपड़ा नया हो तो बहुत अच्छा अन्यथा साफ अवश्य होना चाहिये। फिर इस पर शनिदेव की प्रतिमा स्थापित करें। यदि प्रतिमा या तस्वीर न भी हो तो एक सुपारी के दोनों और शुद्ध घी व तेल का दीपक जलाये। इसके पश्चात धूप जलाएं। फिर इस स्वरूप को पंचगव्य, पंचामृत, इत्र आदि से स्नान करवायें। सिंदूर, कुमकुम, काजल, अबीर, गुलाल आदि के साथ-साथ नीले या काले फूल शनिदेव को अर्पित करें। इमरती व तेल से बने पदार्थ अर्पित करें। श्री फल के साथ-साथ अन्य फल भी अर्पित कर सकते हैं। पंचोपचार व पूजन की इस प्रक्रिया के बाद शनि मंत्र की एक माला का जाप करें। माला जाप के बाद शनि चालीसा का पाठ करें। फिर शनिदेव की आरती उतार कर पूजा संपन्न करें।
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bhaktigroupofficial · 4 years ago
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🕉ॐ नमो भगवते वासुदेवाय🕉
🌄#सुप्रभातम🌄
🗓#आज_का_पञ्चाङ्ग🗓
🌻#बुधवार, ५ #मई २०२१🌻
सूर्योदय: 🌄 ०५:४१
सूर्यास्त: 🌅 ०६:५०
चन्द्रोदय: 🌝 २६:४५
चन्द्रास्त: 🌜१३:१४
अयन 🌕 उत्तराणायने (उत्तरगोलीय)
ऋतु: बसन्त
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 वैशाख
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 नवमी (१३:२१ तक)
नक्षत्र 👉 धनिष्ठा (०९:११ तक)
योग 👉 ब्रह्म (१९:३८ तक)
प्रथम करण 👉 गर (१३:२१ तक)
द्वितीय करण 👉 वणिज (२५:४१ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मेष
चंद्र 🌟 कुम्भ
मंगल 🌟 मिथुन (उदित, पूर्व, मार्गी)
बुध 🌟 वृष (उदित, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 वृष (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳
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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌❌❌
अमृत काल 👉 २६:५६+ से २८:३७
विजय मुहूर्त 👉 १४:२८ से १५:२२
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:४३ से १९:०७
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५२ से २४:३४
राहुकाल 👉 १२:१४ से १३:५५
राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०७:११ से ०८:५२
होमाहुति 👉 राहु
दिशाशूल 👉 उत्तर
अग्निवास 👉 आकाश
भद्रावास 👉 मृत्युलोक (२५:४१ से)
चन्द्रवास 👉 पश्चिम
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ - लाभ २ - अमृत
३ - काल ४ - शुभ
५ - रोग ६ - उद्वेग
७ - चर ८ - लाभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ - उद्वेग २ - शुभ
३ - अमृत ४ - चर
५ - रोग ६ - काल
७ - लाभ ८ - उद्वेग
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
पश्चिम-दक्षिण (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
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चण्डिका नवमी, चूड़ाकर्म मुहूर्त प्रातः १०:४४ से दोपहर १२:२४ तक, नीवखुदाई एवं गृहारम्भ मुहूर्त प्रातः ०५:४९ से ०९:०५ तक, गृहप्रवेश+विधा एवं अक्षरारम्भ+वाहनादि क्रय+देव प्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः १०:४४ से दोपहर १२:२४ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज ०९:११ तक जन्मे शिशुओ का नाम
धनिष्ठा नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (गे) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम शतभिषा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (गो, सा, सी, सू) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मेष - २८:३१ से ०६:०५
वृषभ - ०६:०५ से ०८:००
मिथुन - ०८:०० से १०:१५
कर्क - १०:१५ से १२:३६
सिंह - १२:३६ से १४:५५
कन्या - १४:५५ से १७:१३
तुला - १७:१३ से १९:३४
वृश्चिक - १९:३४ से २१:५३
धनु - २१:५३ से २३:५७
मकर - २३:५७ से २५:३८
कुम्भ - २५:३८ से २७:०४
मीन - २७:०४ से २८:२७
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त - ०५:३१ से ०६:०५
रोग पञ्चक - ०६:०५ से ०८:००
शुभ मुहूर्त - ०८:०० से ०९:११
मृत्यु पञ्चक - ०९:११ से १०:१५
अग्नि पञ्चक - १०:१५ से १२:३६
शुभ मुहूर्त - १२:३६ से १३:२१
रज पञ्चक - १३:२१ से १४:५५
शुभ मुहूर्त - १४:५५ से १७:१३
चोर पञ्चक - १७:१३ से १९:३४
शुभ मुहूर्त - १९:३४ से २१:५३
रोग पञ्चक - २१:५३ से २३:५७
शुभ मुहूर्त - २३:५७ से २५:३८
मृत्यु पञ्चक - २५:३८ से २७:०४
अग्नि पञ्चक - २७:०४ से २८:२७
शुभ मुहूर्त - २८:२७ से २९:३०
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज दिन के पहले भाग में सभी कार्य निर्विघ्न पूर्ण होंगे। स्वास्थ्य उत्तम् रहेगा।सामाजिक क्षेत्र से मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। धन लाभ होने से आर्थिक रूप से अधिक सक्षम बनेंगे। आयवश्यक कार्य मध्यान से पहले पूर्ण करने का प्रयास करें। इसके बाद सभी कार्यो में व्यवधान आने लगेंगे। जहाँ से लाभ की संभावना है वहां से निराशा मिलेगी। फिर भी मानसिक रूप से विचलित नहीं होंगे। परिजनों का स्नेह एवं सहयोग मिलता रहेगा। घर के बुजुर्ग की सेहत ख़राब होने के कारण थोड़ी असहजता बनेगी। सन्तानो के विषय में शुभ समाचार मिलेंगे।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज भी दिन आपके अनुकूल रहेगा। सरकार की तरफ से लाभ होने के संकेत है अथवा थोड़े प्रयास के बाद लटके सरकारी कार्यो में सफलता अवश्य मिलेगी। कार्य क्षेत्र से दोपहर के बाद आकस्मिक खुशखबरी मिलने से आनंदित रहेंगे। धन का खर्च अधिक रहेगा परन्तु व्यर्थ नहीं होगा। अविवाहितो को विवाह के प्रस्ताव मिलेंगे। नए सम्बन्ध बनने की पूर्ण सम्भावना है। घर के बुजुर्ग आप के ऊपर कृपा बनाये रहेंगे। अधिकारियों अथवा अन्य वरिष्ठ लोगो से आसानी से काम निकाल सकेंगे।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आपका आज का दिन भाग्योदय कारक रहेगा। घर एवं बाहर आशा से अधिक सहयोगी वातावरण मिलने से लगभग सभी कार्य निर्विघ्न पूर्ण होंगे परन्तु उधार सम्बंधित व्यवहारों के कारण थोड़ी चिंता भी रहेगी। नौकरी पेशा जातकी की कार्य कुशलता के लिए प्रशंशा होगी। थोक अथवा कमीशन के व्यवसाय से अधिक लाभ मिलेगा। धन लाभ प्रचुर मात्रा में होने से खुश रहेंगे। घर की महिलाएं आप पर प्रसन्न रहेंगी। दाम्पत्य जीवन का भरपूर आनंद लेंगे। बाहर घूमने एवं उत्तम भोजन सुख मिलेगा। आलस्य से बचें।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन आपको आशा से अधिक एवं एक दम विपरीत फल देगा। विशेष कर आज अपनी सोच में निराशा को जगह ना दें। आज आप जो भी विचार करेंगे उसका विपरीत फल मिलेगा। कार्यो में अधिक व्यस्त रहने के कारण सामाजिक क्षेत्र से दूरी बनेगी। धन लाभ के लिए किये जा रहे प्रयासों में बड़ी मुश्किल से सफलता मिलेगी। प्रेम प्रसंगों के कारण किसी से विवाद हो सकता है। खर्च अनियंत्रित रहेंगे जिससे आर्थिक संतुलन बिगड़ेगा। शारीरिक रूप से अधिक परिश्रम करने में असमर्थ रहेंगे। हित शत्रु हानि पहुँचा सकते है सतर्क रहें।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आपका आज का दिन लाभदायक रहेगा। प्रतिस्पर्धियों पर आसानी से विजय पा लेंगे। कार्य व्यवसाय भी पहले से बेहतर चलेंगे। आपकी सोची हुई योजनाओं में से अधिकांश सफल रहेंगी। आत्मविश्वास बढ़ा हुआ रहेगा। व्यवसाय में नए प्रयोग अधिक लाभ कराएंगे।
रुके हुए धन की प्राप्ति में थोड़ी बाधा आ सकती है परन्तु प्रयास करने पर वापसी की उम्मीद बनी रहेगी। किसी मांगलिक आयोजन में सम्मिलित हो सकते है। सुख के साधनों की वृद्धि करने पर अधिक ध्यान रहेगा इसपर खर्च भी करेंगे। गृहस्थ सुख सामान्य रहेगा।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज दिन के पूर्वार्ध में आप दुविधा में फंसे रहेंगे। किसी भीं कार्य में स्थिति स्पष्ट ना होने के कारण कार्य रुके रह सकते है केवल मन ही मन कार्यो की रूपरेखा बनाएंगे। धीरे-धीरे स्थिति स्पष्ट होती जाएगी। किसी भी प्रकार का आर्थिक आयोजन करने के लिए आज का दिन शुभ रहेगा परन्तु धन की आमद सुनिश्चित नहीं रहने से बीच-बीच में व्यवधान भी आएंगे फिर भी इनसे पार पाकर सफल रहेंगे। पारिवारिक वातावरण आरम्भ में मनमुटाव वाला रहेगा बाद में आपसी भावनाओ की समझ होने लगेगी।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन सभी कार्यो को आप जी जान से करेंगे परन्तु फिर भी सफलता मिलने में संदेह रहेगा। सरकारी कार्य भी नियमो की पूर्ति ना होने के कारण अधूरे रहेंगे। मध्यान के बाद व्यावसायिक एवं घरेलु कार्यो के कारण दौड़-धूप करनी पड़ेगी। सेहत में उतार-चढ़ाव आने से शरीर में शिथिलता आएगी। गुप्त शत्रु से सावधान रहें। लोग मीठा व्यवहार करके अपना काम निकालेंगे। बाहर के लोगो के प्रति आज अधिक उदारता दिखाएँगे परन्तु घर में इसके विपरीत व्यवहार रहने से क्लेश होने की संभावना है। आर्थिक लेन-देन सोच समझ कर करें। आहार संतुलित लें।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आपको आज के दिन भी थोड़ा सावधानी बरतने की सलाह है चंद्र आपकी राशि से चौथे होने पर किसी गलती के कारण मन में संताप रहेगा। हानि के चलते कार्यो से मजबूरन जी चुरायेंगे। सरकारी कार्य लंबित रहने से समय एवं धन व्यर्थ खर्च होंगे। परिवार अथवा कार्य क्षेत्र पर किसी महिला के कारण अशांति फ़ैल सकती है। धर्म के प्रति निष्ठा होने पर भी भजन पूजन में मन नहीं लगा पाएंगे। संध्या के आसपास का समय थोड़ा राहत भरा रहेगा परन्तु थकान भी रहेगी।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आपका आज का दिन सामान्य से अधिक शुभ फल देने वाला रहेगा। सामाजिक एवं व्यावसायिक क्षेत्र पर अपनी प्रतिभा दिखाने का सुअवसर मिलेगा फिर भी इससे आर्थिक लाभ की आशा ना रखे सम्बन्ध प्रगाढ़ होंगे। धन लाभ के लिए आज थोड़ा अधिक बौद्धिक एवं शारीरिक परिश्रम करना पड़ेगा। धार्मिक कार्यो में भी सहभागिता देंगे। मध्यान के समय कार्य व्यवसाय में गति रहने से व्यस्तता रहेगी। शारीरिक रूप से थका हुआ अनुभव होगा। परिजनो की इच्छा पूर्ती पर खर्च करेंगे। गृहस्थ सुख सामान्य रहेगा।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आपका आज का दिन मिला-जुला रहेगा। भावुकता अधिक रहने के कारण छोटी-छोटी बातों को दिल पर लेंगे। घर एवं बाहर का वातावरण इसी कारण दूषित हो सकता है। आर्थिक आयोजनों को पूर्ण करने में पहले बाधाएं आएगी बाद में स्थिति आपके पक्ष में आने से लाभ के अवसर मिलेंगे। मध्यान के बाद अधिकांश मामलो में आप अपने मन की ही करेंगे और इससे संतुष्ट भी रहेंगे। घर की समस्याएं घर में ही निपटाएं बाहर ना लेजाए। व्यावसायिक कारणों से अल्प लाभदायी यात्रा हो सकती है। पैतृक कार्य में सफलता मिलेगी।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन अधिकांश समय आपमें चंचलता अधिक रहेगी। महत्त्वपूर्ण कार्यो में भी लापरवाही दिखाएंगे अथवा इच्छा शक्ति की कमी रहने से कार्य हानि हो सकती है। व्यवहारिक रूप से आप अधिक सक्रिय रहेंगे। मन चंचल रहने पर भी हास्य परिहास से आस-पास का वातावरण हल्का करने की क्षमता रहेगी। आर्थिक दृष्टिकोण से संध्या का समय अधिक शुभ रहेगा। बैठे बिठाये धन लाभ होने की सम्भवना है। पारिवारिक सदस्य से रूठना मनाना लगा रहेगा। मित्र मण्डली के साथ पर्यटन के अवसर मिलेंगे।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज दिन के पूर्वार्ध में परिस्तिथियां प्रतिकूल रहेंगी। पूर्व निर्धा��ित कार्य में विलम्ब होने से भाग-दौड़ करनी पड़ेगी। धन संबंधित कार्य को लेकर किसी से तकरार हो सकती है। आज आप गहरी सोच में डूबे रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मियों का मनमाने आचरण के कारण क्रोध आएगा फिर भी मौन रहकर कार्य करें अन्यथा आगे होने वाले लाभ से वंचित रह सकते है। दोपहर के बाद स्थिति में सुधार आएगा। विघ्न डालने वाले स्वयं अपनी गलती मानकर सहयोग करेंगे। धन लाभ मध्यम रहेगा। परिजनों से भी बेकार की बहस हो सकती है।
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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महाशिवरात्रि : 59 साल बाद बनेगा ये विशेष योग, साधना सिद्धि के लिए इस विधि से करें पूजा
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का काफी महत्व है। इस बार महाशिवरात्रि पर्व 21 फरवरी को मनाया जाएगा। कहा जा रहा कि इस महाशिवरात्रि करीब 59 साल बाद एक विशेष योग बन रहा है जो साधना सिद्धि के लिए खास रहता है। यहां योग शश योग है। इस दिन पांच ग्रहों की राशि पुनराप्रवृत्ति भी होगी। शनि व चंद्र मकर राशि, गुरु धनु राशि, बुध कुंभ राशि तथा शुक्र मीन राशि में रहेंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इससे पहले ग्रहों की यह स्थिति और शशयोग वर्ष 1961 में रहे थे। आइए जानते हैं इस योग का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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शश योग का महत्व ज्योतिषशास्त्र में साधना के लिए तीन रात्रि विशेष मानी गई है। इनमें शरद पूर्णिमा को मोहरात्रि, दीपावली की कालरात्रि तथा महाशिवरात्रि को सिद्धरात्रि कहा गया है। इस बार महाशिवरात्रि पर चंद्र शनि की मकर में युती के साथ शश योग बन रहा है। आमतौर पर श्रवण नक्षत्र में आने वाली शिवरात्रि और मकर राशि के चंद्रमा का योग भी बनता है। जबकि इस बार 59 साल बाद शनि के मकर राशि में होने से तथा चंद्र का संचार अनुक्रम में शनि के वर्गोत्तम अवस्था में शश का योग बन रहा है। चूंकि चंद्रमा मन तथा शनि ऊर्जा कारक ग्रह है। यह योग साधना की सिद्धि के लिए विशेष महत्व रखता है। चंद्रमा को कला तथा शनि को काल पुरुष का पद प्राप्त है। ऐसी स्थिति में कला तथा काल पुरुष के युति संबंध वाली यहां रात्रि शिवरात्रि की श्रेणी में आती है।
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सर्वार्थसिद्धि का भी संयोग ज्योतिष्याचार्यों ने बताया कि, इसके साथ ही महाशिवरात्रि पर सर्वार्थसिद्धि का संयोग रहेगा। इस योग में शिव-पार्वती का पूजन श्रेष्ठ माना गया है। शास्त्रीय विधि-विधान के अनुसार शिवरात्रि का पूजन 'निशीथ काल' में करना सर्वश्रेष्ठ रहता है। हालांकि भक्त रात्रि के चारों प्रहरों में से अपनी सुविधा अनुसार यहां पूजन कर सकते हैं।
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शिवरात्रि पर ऐसे करें पूजा। मिट्टी के लोटे में पानी या दूध भरकर, ऊपर से बेलपत्र, आक धतूरे के फूल, चावल आदि डालकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए। शिव पुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र 'ओम नमः शिवाय' का जाप करना चाहिए  महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण का भी विधान है। ये भी पढ़े... भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए जान लें व्रत के नियम सोमवार को बन रहा है ये विशेष योग, इस विधि से पूजा कर भगवान शिव को करें प्रसन्न IRCTC के नए पैकेज में एक साथ होंगे भगवान शिव के 9 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन, इस दिन शुरू होगी यात्रा Read the full article
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ragbuveer · 1 year ago
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (द्वितीया तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#bageshwardhamsarkardivyadarbar
#kedarnath
#badrinath
#JaiShriRam
#yogi
#jodhpur
#udaipur
#RSS
#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दीपोत्सव के पांचवेे और अंतिम दिवस अर्थात् भाई बहन के अटूट प्रेम तथा विश्वास के पर्व भाईदूज के शुभ अवसर पर बहने अपने भाई की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती है अतः आज हम भी संकल्प करें कि दुनियां की प्रत्येक बहन की रक्षा, सहयोग और सेवा के लिए सदैव ततपर रहेंगे।
*भाईदूज, यम द्वितीया एवं चित्रगुप्त पूजा की आपको और आपके परिवार को अनन्त कोटिशः शुभकामनाएँ 🎉🎁*
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-15-नवम्बर-2023
वार:--------बुधवार
तिथी :------02द्बितीया:-13:48
पक्ष:-------शुक्लपक्ष
माह:------कार्तिक
नक्षत्र:-----ज्येष्ठा:-27:01
योग:-------अतिगंड:-12:08
करण:-------कोलव:-13:47
चन्द्रमा:-----वृश्चिक27:01/धनु
सुर्योदय:-----07:00
सुर्यास्त:------17:44
दिशा शूल------ उत्तर
निवारण उपाय:----धनिया का सेवन
ऋतु :------------हेमन्त ऋतु
गुलीक काल:---10:54से 12:16
राहू काल:-------12:16से13:39
अभीजित------- नहीं है
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:--------पिंगल
🌞चोघङिया दिन🌞
लाभ:-07:00से08:22तक
अमृत:-08:22से09:44तक
शुभ:-11:06से12:28तक
चंचल:-14:59से 16:22तक
लाभ:-16:22से 17:44तक
🌓चोघङिया रात🌗
शुभ:-19:22से21:00तक
अमृत :-21:00से22:38तक
चंचल :-22:38से00:16तक
लाभ :-03:32से05:10तक
🙏आज के विशेष योग 🙏
वर्ष का238वाँ दिन, भाईदूज, यम द्वितीया, विश्वकर्मा पूजा, चित्रगुप्त पूजा, भरत द्वितीया, दग्धयोग 13:47 से 30:57, यमघटयोग 27:01 से 30:57तक, रवियोग 27:01 से, बिछुडो 27:01तक, कलम दवात पूजा (बिहार),
👉वास्तु टिप्स👈
यम द्वितीया के दिन भाई बहन यमुना नदी में स्नान जरुर करे।
🕉 *तिथी/पर्व/व्रत विशेष :-*
👫 *भाई दूज : चित्रगुप्त जयंती : यम द्वितीया -*
भ्रातृ द्वितीया (भाई दूज) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला हिन्दू धर्म का पर्व है जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं।
भाई दूज दीपावली के दो दिन बाद आने वाला ऐसा पर्व है, जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती हैं।
कार्तिक शुक्ल द्वितीया को पूर्व काल में यमुना ने यमराज को अपने घर पर सत्कारपूर्वक भोजन कराया था। उस दिन नारकी जीवों को यातना से छुटकारा मिला और उन्हें तृप्त किया गया। वे पाप-मुक्त होकर सब बंधनों से छुटकारा पा गये और सब के सब यहां अपनी इच्छा के अनुसार संतोष पूर्वक रहे। उन सब ने मिलकर एक महान् उत्सव मनाया जो यमलोक के राज्य को सुख पहुंचाने वाला था। इसीलिए यह तिथि तीनों लोकों में यम द्वितीया के नाम से विख्यात हुई। जिस तिथि को यमुना ने यम को अपने घर भोजन कराया था, उस तिथि के दिन जो मनुष्य अपनी बहन के हाथ का उत्तम भोजन करता है उसे उत्तम भोजन समेत धन की प्राप्ति भी होती रहती है।
कायस्थ समाज में इसी दिन अपने आराध्य देव चित्रगुप्त की पूजा की जाती है। कायस्थ लोग स्वर्ग में धर्मराज का लेखा-जोखा रखने वाले चित्रगुप्त का पूजन सामूहिक रूप से तस्वीरों अथवा मूर्तियों के माध्यम से करते हैं। वे इस दिन कारोबारी बहीखातों की पूजा भी करते हैं।
*सुविचार*
अक्ल और गलती पर कभी भरोसा मत करना क्योंकि अपनी अक्ल और दूसरों की गलती
हमेशा ज्यादा ही दिखती हैं।
👍🏻राधे राधे...
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
चेहरे की त्वचा पर नारियल के तेल के लाभ
त्वचा को साफ करने में मदद करे नारियल तेल -
नारियल तेल आपकी त्वचा लिए चिंता का कारण बन सकती है, लेकिन आपको तनाव लेने की जरूरत नहीं है। आप त्वचा के लिए नारियल के तेल का चयन कर सकते हैं। एंटी-बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों से भरपूर नारियल का तेल आपके चेहरे को साफ़ करने और स्वस्थ त्वचा देने में मदद कर सकता है।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। विवाद से क्लेश होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बेचैनी रहेगी। कुसंगति से हानि होगी। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। शत्रुभय बना रहेगा। व्यवसाय धीमा चलेगा। समय ठीक नहीं है। कोई भी बड़ा निर्णय सोच-समझकर लें। धैर्य रखें।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। धन प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। प्रेम-प्रसंग में सफलता प्राप्त होगी। घर में कोई मांगलिक कार्य हो सकता है। चारों तरफ प्रसन्नता का माहौल बनेगा। शत्रुभय रहेगा। चोट व रोग से बचें। उत्साहवर्धक समाचार मिलेंगे।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
वाणी पर नियंत्रण रखें। घर-परिवार की चिंता रहेगी। शत्रुभय रहेगा। भूमि व भवन की खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। आय में वृद्धि होगी। फालतू खर्च होगा। प्रतिद्वंद्वी शांत रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता अर्जित करेगा। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। लेन-देन में सावधानी रखें। चोट व रोग से बचें। घर में तनाव रह सकता है। चिंता रहेगी। पार्टी व पिकनिक का आनंद प्राप्त होगा। दुष्टजनों से दूर रहें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में वृद्धि होगी।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
विवेक का प्रयोग स्थिति अनुकूल करने में सहायक रहेगा। दु:खद समाचार मिल सकता है। भागदौड़ रहेगी। किसी के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। अपना पक्ष कमजोर महसूस करेंगे। पुराना रोग उभर सकता है। स्वास्थ्य पर खर्च होगा। समय ठीक नहीं है।
👩🏻 *राशि फलादेश कन्या :-*
प्रयास सफल रहेंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश करने का साहस जुटा पाएंगे। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
व्यावसायिक यात्रा की योजना बनेगी। भूले-बिसरे साथी एवं संबंधियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। भय रहेगा। विरोध होगा। अपने काम समय पर कर पाएंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम न लें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। व्यवसाय ठीक चलेगा। नया कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। बेचैनी रह सकती है। थकान महसूस होगी। बुद्धि का प्रयोग करें।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
भय, पीड़ा व तनाव का वातावरण बन सकता है। कुसंगति से हानि होगी। व्ययवृद्धि होगी। कर्ज लेना पड़ सकता है। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। भाग्य का साथ नहीं मिलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें। अपरिचितों पर अतिविश्वास हानि देगा।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
थकान महसूस होगी। कार्यभार रहेगा। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। नए कार्य करने का मन बनेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। जल्दबाजी न करें। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
मानसिक बेचैनी रहेगी। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। कार्यसिद्धि होगी, वो काम जो लंबे समय से न हो रहा हो। प्रसन्नता रहेगी। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। व्यवसाय अनुकूल चलेगा। मित्र व संबंधियों के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा।
🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
नए मित्र बनेंगे जिनका लाभ हमेशा प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक हो सकती है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। सरकारी कार्यालयों में रुके कार्यों में पूर्णता आएगी। लाभ में वृद्धि होगी। कारोबारी स्पर्धा बढ़ेगी। समझदारी से कार्य करें। लाभ होगा। चोट व रोग से बचें। भाग्य का साथ मिलता रहेगा।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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